गुड़गांव में 13 साल की नाबालिग के साथ दरिंदगी, कुत्ते से कटवाया, एसिड से जलाया

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। गुड़गांव में 13 साल की नाबालिग बच्ची के साथ दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। बच्ची के साथ उसके मालिकों ने इतना क्रूर बर्ताव किया है जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। घटना की खबर मिलते ही पुलिस ने उसे शुक्रवार 8 दिसंबर को बचाया। बच्ची एक घर में घरेलू कामकाज करती थी। पुलिस के अनुसार बच्ची बिहार की रहनेवाली है और छह महीने से यहां काम कर रही थी। बच्ची को न केवल शारीरिक यातना दी गई बल्कि उसका यौन शोषण भी किया गया।

बच्ची की मां गुड़गांव में लोगों के घरों में काम करती है और तिगरा में रहती है। बच्ची को भी एक घर में काम मिल गया जहां वो घरेलू कामकाज करने लगी। जहां उसके साथ क्रूर बर्ताव किया जाने लगा। जब बच्ची ने इस बारे में अपनी मां को बताया तो उसकी मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। गुड़गांव के सेक्टर 51 महिला पुलिस स्टेशन में आईपीसी और पोक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

छानबीन करते हुए जब पुलिस आरोपी के घर पहुंची और बच्ची ने दरवाजा खोला तो उसे पहचानना भी मुश्किल हो रहा था। बच्ची के बाल खींचे गए थे, उसका हाथ तेजाब से जला दिया गया था। उसे बुरी तरह से मारा पीटा गया था। उसकी गर्दन पर चोट के निशान थे और उसके चेहरे पर भी चोट के निशान थे।

आरोपियों ने उस पर हथौड़े और छड़ों से हमला किया। उसके मालिकों के दो बेटों ने उसके कपड़े उतार दिए और उसका वीडियो बनाया। उन्होंने उसे डराया धमकाया कि अगर उसने यह बात किसी को बताई तो वे उसके माता-पिता को मार डालेंगे।

बच्ची ने बताया कि जब वह घर में पोछा लगा रही थी तो आरोपी पीछे से आया और उसके हाथ पर तेजाब डाल दिया। ढंड के मौसम में भी उसे सोने के लिए कंबल नहीं दिया जाता था, वह फर्श पर सोती थी और पिटाई करते समय उसके मुंह में कपड़े ढूंस दिए जाते थे ताकि वह शोर न मचा सके।

दरिंदगी की हद यहीं नहीं खत्म हुई। बच्ची के मुताबिक उसे कुत्ते से भी कटवाया गया। उसका कहना है कि उसके मालिकों ने फर्श पर एक बिस्कुट गिरा दिया और उसे बिस्कुट उठाने के लिए कहा। जब वह बिस्कुट उठाने लगा तो उन्होंने कुत्ते से उसे काटने के लिए कहा।

बच्ची के मुताबिक उसे दिन में सिर्फ एक बार शाम 4 बजे खाना दिया जाता था और कभी-कभी ये भी नहीं मिलता था। पिटाई के डर से बच्ची खाना चुराने की कोशिश भी नहीं कर पाती थी।

बच्ची की मां ने अपनी शिकायत में कहा है कि बच्ची को पहले दो महीनों के काम के लिए 9,000 रुपये दिए गए थे जो उसे भेजा गया था। बाद में जब वह बच्ची के बारे में पूछने के लिए मालिकों के घर गई तो उन्होंने कह दिया कि वह घर पर नहीं है।

बच्ची को इलाज के लिए सेक्टर 10 के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

(‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

You May Also Like

More From Author

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments