मणिपुर हिंसा: नागा महिला की हत्या के मामले में सीबीआई ने नौ आरोपियों के खिलाफ किया चार्जशीट दाखिल

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नई दिल्ली। मणिपुर में एक नागा महिला की हत्या के मामले में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है। सीबीआई ने नौ लोगों को आरोपी बनाया है। महिला की हत्या राज्य में हिंसा भड़कने के बाद 15 जुलाई को हुई थी। महिला के सिर में कम से कम 20 गोलियां मारी गई थीं।

हत्या का वीडियो अगस्त की शुरुआत में वायरल हुआ था जिसके बाद पूरे मणिपुर में तनाव का माहौल बन गया था। राज्य में 3 मई से मैतेई और कुकी-ज़ो समुदाय के बीच हिंसा शुरु हुई थी जिसमें नागा समुदाय ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई।

माना जाता है कि मारी गई महिला के परिवार ने यह वीडियो 23 जुलाई को देखा था, लेकिन इसे 4 अगस्त को वायरल किया गया। 1.31 मिनट के वीडियो में कथित तौर पर 55 वर्षीय एम. लुसी मारिंग को कम से कम 20 बार गोली मारी गई। वीडियो में एक आवाज भी है, जिसमें कहा गया है कि “उसे तब तक गोली मारो जब तक उसके सिर में कुछ भी न बचे।“

शनिवार को सीबीआई के एक बयान में कहा गया कि एजेंसी ने असम के गुवाहाटी में विशेष सीबीआई न्यायाधीश के सामने चार्जशीट दाखिल किया है।

चार्जशीट में न तो मृतक का नाम बताया गया और न ही मामले का ब्यौरा दिया गया है। लेकिन हत्या की जिस तारीख और जगह का जिक्र किया गया है वह लुसी की हत्या के साथ मेल खाता है।

सीबीआई ने एक बयान में कहा है कि “15.07.2023 को लगभग 12:10 बजे हथियारबंद बदमाशों समेत लगभग 100 लोगों की भीड़ ने सावोमबंग गेट पर एक महिला को जबरन पकड़ लिया और उसे एक कार में बिठाकर केबी गांव की ओर ले गए।“

महिला का शव उसी दिन बरामद किया गया था। सीबीआई जांच से पता चला कि आरोपी उक्त घटना में शामिल थे।

बयान में कहा गया है कि दूसरे आरोपियों की पहचान करने के लिए जांच जारी है।

बयान में कहा गया है कि “जनता को याद दिलाया जाता है कि उपरोक्त निष्कर्ष सीबीआई की जांच और इकट्ठा किए गए सबूतों पर आधारित हैं। भारतीय कानून के तहत, आरोपियों को तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि निष्पक्ष सुनवाई के बाद उनका अपराध साबित नहीं हो जाता।“

सीबीआई की ओर से मामला अपने हाथ में लेने से पहले इम्फाल पूर्वी जिले के लमलाई पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज कर लिया था। मामले में पांच महिलाओं समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

मृतका के परिजनों के अनुसार को लुसी को एक समूह ने जबरन अगवा कर लिया और इम्फाल पश्चिम में उसके घर से लगभग 10 किमी दूर इम्फाल पूर्व के सॉओमबुंग ले गये।  लुसी नागाओं के मारिंग जनजाति से ताल्लुक रखती थी।

लुसी की हत्या के बाद से मणिपुर में नागाओं के बीच तनाव पैदा हो गया था। लेकिन नागा और मैतेई दोनों समुदायों के प्रमुख नागरिक समाज संगठनों यूनाइटेड नागा काउंसिल और मणिपुर इंटीग्रिटी पर इंफाल घाटी स्थित समन्वय समिति ने मामले को सुलझा लिया गया था।

मणिपुर में 3 मई से शुरु हुई हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

(‘द टेलिग्राफ’ में प्रकाशित खबर पर आधारित।)

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