दिल्ली में कामयाब किसान-मज़दूर महापंचायत: उत्साह से लबरेज़ पंजाब के किसान

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पंजाब के जिला कपूरथला के गांव डडवींडी का किसान हरनेक सिंह कंबोज 14 मार्च को दिल्ली में आयोजित किसान-मज़दूर महापंचायत में नहीं जा पाये लेकिन किसानों की हुंकार लाइव देखी और बीसियों अन्य किसानों को दिखाई। इस ‘लाइव’ का बंदोबस्त महापंचायत में शरीक होने के लिए राष्ट्रीय राजधानी गए उनके किसान दोस्त मनोहर सिंह सरां ने किया था।

हरनेक सिंह इस पत्रकार को बताते हैं, “हमें दिल्ली में हुई महापंचायत का सार और संदेश मिल गया है। यह कि जब तक देश भर के किसानों-मज़दूरों की सारी मांगें मान नहीं ली जातीं, जंग ज़ारी रहेगी!” महापंचायत ‘लाइव’ देखने वाले हरनेक अकेले किसान नहीं हैं। हासिल पुख़्ता जानकारी के मुताबिक़ सूबे के हज़ारों किसानों ने किसी न किसी ज़रिए से किसान-मज़दूर महापंचायत का सीधा प्रदर्शन देखा। इसे संभव बनाने के लिए विभिन्न किसान संगठनों ने भी ख़ास बंदोबस्त किए थे।

बाघापुराना के किसान नछत्तर सिंह सेखों कहते हैं, “मेरे सहित तकरीबन सौ महिला और पुरुष किसानों ने दिल्ली महापंचायत को लाइव देखा। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के स्थानीय नेताओं ने इसके लिए बड़ी स्क्रीन वाले टीवी/एलसीडी वगैरह का ख़ासतौर से इंतज़ाम किया था। हमें किसान नेताओं के अगले कार्यक्रम की घोषणा का इंतज़ार है।”

शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों ने भी महापंचायत का सीधा प्रसारण देखा। हालांकि दोनों सीमा बिंदुओं पर डटे किसानों की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और मज़दूर-किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं ने दिल्ली की महापंचायत में शिरकत नहीं की लेकिन शंभू और खनौरी में सांकेतिक महापंचायत का आयोजन किया गया।

ग़ौरतलब है कि दिल्ली महापंचायत की कामयाबी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा/एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और मज़दूर-किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए पंजाब के गांवों में महापंचायतें करने की घोषणा की है। मज़दूर किसान मोर्चा कमेटी के वरिष्ठ नेता सतनाम सिंह पन्नू ने बताया कि ये पंचायतें 22 मार्च तक चलेंगीं।

हर गांव में बारह मुख्य मांगों का पोस्टर व किसान आंदोलन के दौरान शहीद होने वाले किसानों व मज़दूरों की फोटो वाला बोर्ड चौकों पर लगाया जाएगा। 15 मार्च को कपूरथला, जालंधर, गुरदासपुर, पठानकोट, होशियारपुर, अमृतसर और लुधियाना के गांवों में महापंचायतें आयोजित होंगीं-इन्हें स्थानीय नेता संबोधित करेंगे। 16,17,18 मार्च को तरनतारन, 19 को बठिंडा और मुक्तसर, 20 को फाजिल्का व अबोहर, 21 को फरीदकोट और 22 मार्च को फिरोज़पुर के गांवों में मज़दूर-किसान महापंचायतें होंगीं।

23 मार्च को पंजाब के तमाम किसान संगठन महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीदी दिवस के मौके पर ख़ास कार्यक्रम करेंगे। कवि पाश को भी याद किया जाएगा। मज़दूर-किसान मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि इस दिन शंभू और खनौरी बॉर्डरों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे। सूबे के तमाम हिस्सों से किसान और मजदूर इनमें शिरकत करेंगे।

(पंजाब से अमरीक की रिपोर्ट।)

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