केजरीवाल को राहत नहीं, अभी जेल में ही रहेंगे, ईडी को 27 तक जवाब का निर्देश

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केजरीवाल को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कम से कम 29 अप्रैल तक अब जेल में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों पर उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जवाब दाखिल करने के लिए 27 अप्रैल तक का समय दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा,“जारी नोटिस 29 अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले सप्ताह में वापस किया जा सकता है। नोटिस प्रतिवादी की ओर से स्वीकार किया जाता है, जो अदालत में मौजूद हैं। जवाब 24 अप्रैल या उससे पहले दाखिल किया जाएगा और यदि कोई हो तो 26 अप्रैल, 2024 तक प्रत्युत्तर दाखिल किया जाएगा।’

इस बीच रिमांड अदालत ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्हें 15 दिनों की न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद आज (15 अप्रैल) तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। जहां अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सीएम केजरीवाल को ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में 21 मार्च को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने दो दफे ईडी रिमांड पर भेजा। इसके बाद उन्हें एक अप्रैल को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तब से केजरीवाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

इस बीच सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक ऐसी मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट को बीच में ही टोक कर कहना पड़ा कि अपनी दलीलें बहस के लिए बचाकर रखें। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में जब मामले की सुनवाई हो रही थी, तभी अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए रिहाई की मांग की। हमें लोकसभा चुनाव में प्रचार भी करना है। इसलिए हमें रिहा कर दिया जाए। 

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अभी तक जितने भी आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं, उनमें अरविंद केजरीवाल का नाम कहीं भी नहीं है। इस पर बीच में ही टोकते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपनी दलीलें सुनवाई के दौरान बहस के लिए बचा कर रखें।

कार्यवाही की शुरुआत में सिंघवी ने कहा कि मैं अदालत की अंतरात्मा को झकझोरने के लिए कुछ तथ्य दिखाना चाहता हूं। कुछ चुनिंदा लीक हैं। यह बताते हुए उन्होंने छोटी तारीख का अनुरोध किया। 

इसके बाद कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी किया। इस पर सिंघवी ने कहा कि नोटिस के बाद मामले की सुनवाई जल्द की जाए ।

दिल्ली हाईकोर्ट भी पिछले हफ्ते केजरीवाल की शीघ्र सुनवाई वाली याचिका को खारिज कर चुका है। हाईकोर्ट ने कहा था कि ईडी ने अपने दावे को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। ईडी ने 100 करोड़ के मनी ट्रेल का पता भी लगा लिया है। केजरीवाल ने तब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन बीच में छुट्टी होने के कारण मामले को सोमवार को लिस्ट किया गया।

हाईकोर्ट में केजरीवाल ने केंद्रीय एजेंसी की कार्रवाई के समय की ओर इशारा करते हुए, अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ जोरदार तर्क दिया था। हालांकि केजरीवाल ने ईडी के कई समनों पर हाजिर होने से इनकार कर दिया। वो अदालत से गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। लेकिन उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिली।

पिछले सप्ताह केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ़्तारी “स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव” और “लोकतंत्र के सिद्धांतों पर अभूतपूर्व हमला” है। आप ने भ्रष्टाचार के सभी आरोपों से इनकार किया और केजरीवाल के खिलाफ मामले को चुनाव से पहले पार्टी को नष्ट करने के लिए “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया है।

अदालत ने केजरीवाल की सभी दलीलों को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा- “राजनीतिक विचारों को अदालत के सामने नहीं लाया जा सकता। इस अदालत के सामने मामला केंद्र सरकार और अरविंद केजरीवाल के बीच संघर्ष का मामला नहीं है। यह अरविंद केजरीवाल और ईडी के बीच का मामला है।

दरअसल, यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति बनाने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से संबंधित है। इस नीति को बाद में रद्द कर दिया गया था। हाईकोर्ट द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद ही ईडी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। अरविंद केजरीवाल को अदालत ने 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और वह अब तिहाड़ जेल में बंद हैं।

(वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट।)

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