नई दिल्ली। टेस्ला के मालिक एलन मस्क चीनी यात्रा के तहत रविवार को बीजिंग पहुंच गए। इसके पहले वह भारत आने वाले थे लेकिन उन्होंने अंतिम समय में अपनी यह यात्रा रद्द कर दी। दिलचस्प बात यह है कि चीन की उनकी यह यात्रा पहले से तय भी नहीं थी। बताया जा रहा है कि वह एकाएक चीन की यात्रा पर बीजिंग पहुंचे हैं। चुनाव के दौरान भारत में होने वाली उनकी यात्रा के अचानक रद्द होने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस तरह से उनकी यात्रा से राजनीतिक-चुनावी लाभ हासिल करने के पीएम मोदी के मंसूबों पर पानी फिर गया है।
चीन पहुंचकर सोशल मीडिया पोस्ट पर मस्क ने कहा कि “ (चीनी) प्रधानमंत्री ली कियांग से मिलकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने कहा कि शुरुआती संघाई के दिनों से ही हम एक दूसरे से बहुत सालों से परिचित हैं।”
रायटर्स के मुताबिक मस्क की चीन में टेस्ला की गाड़ियों के लिए फुल सेल्फ ड्राइविंग पर बातचीत की संभावना है। और उनकी चीनी अधिकारियों के साथ इस डाटा को बाहर दूसरे देशों में भेजने की अनुमति देने पर भी बातचीत होगी। टेस्ला अमेरिका आधारित एक इलेक्ट्रिक वेहिकल बनाने वाली कंपनी है।
2021 से चीन में टेस्ला द्वारा इकट्ठा किया गया डाटा संघाई में एकत्रित है जैसा कि देश के रेगुलेटरों की जरूरत होती है। इनमें से कोई भी डेटा अमेरिका ट्रांसफर नहीं किया गया है।
रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मस्क अब इस डाटा को अपनी गाड़ियों की स्वत: ड्राइविंग टेक्नॉलाजी संबंधी एलगोरिदम के अध्ययन के लिए बाहर भेजना चाहते हैं।
मस्क के साथ अपनी बैठक के दौरान ली ने कहा कि टेस्ला का चीन में विकास एक एशियाई देश में अमेरिका के आर्थिक और व्यापारिक सहयोग के एक सफलतम उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है।
मस्क का 22 अप्रैल को भारत का दौरा था। इस दौरे में उनकी पीएम मोदी से मुलाकात भी तय थी। लेकिन 20 अप्रैल को मस्क ने टेस्ला में बहुत सारी जिम्मेदारियों की बात कह कर अपना दौरा रद्द कर दिया।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा था कि दुर्भाग्य से टेस्ला में बहुत ज्यादा व्यस्तता के चलते भारत के दौरे को आगे बढ़ाना पड़ रहा है। लेकिन मैं बहुत जल्द ही इस साल भारत का दौरा करने के बारे में सोच रहा हूं।
उनके पूर्व नियोजित दौरे से इस तरह की कयासबाजी लगायी जा रही थी कि वह भारत में अपनी कंपनियों टेस्ला और स्टारलिंक के भारी निवेश का खुलासा करेंगे। आपको बता दें कि स्टारलिंक उनकी सैटेलाइट इंटरनेट वेंचर है, जो देश में अपनी सेवाएं दे रही है।
स्टारलिंक सैटेलाइटों का एक ऐसा नेटवर्क है जिसे मस्क की स्पेसक्राफ्ट मैनुफैक्चरिंग कंपनी स्पेस एक्स ने विकसित किया है। इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक कंपनी ने सैटेलाइट कम्यूनिकेशन सेवा को शुरू करने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन दिया है। सरकार के सामने आवेदन पेंडिंग है।
मस्क के पूर्व नियोजित दौरे के पहले वित्त मंत्रालय ने 16 अप्रैल को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट के तहत बदले गए नियमों को नोटिफाई किया था जिसके मुताबिक स्पेस सेक्टर में गतिविधियों के लिए किसी भी विदेशी कंपनी को 100 फीसदी सीधे निवेश की छूट थी।
(जनचौक डेस्क की रिपोर्ट।)
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