नई दिल्ली। भाजपा शासित कर्नाटक के कलबुर्गी जिले के चितापुर इलाके में गुरुवार को एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ है। जिसमें न केवल लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ायी गयीं बल्कि इस मौक़े पर बरते जाने वाले हर तरह के एहतियात को मज़ाक़ बना कर रख दिया गया। बताया जा रहा है कि सिद्धालिंगेश्वर मंदिर में एक रथ समारोह का आयोजन किया गया था। नियमित अंतराल पर होने वाले इस आयोजन में हज़ारों की संख्या में लोगों के शिरकत करने की खबर है। समारोह के वीडियो भी सामने आ गए हैं। जिसमें एक पाँच मंजिला ऊँचा रथ बनाया गया है और उसको सैकड़ों की संख्या में मिलकर लोग खींचते दिख रहे हैं। इसमें तमाम पुरुषों के साथ ही बच्चे और महिलाएँ भी अच्छी खासी तादाद में शामिल हैं।
दिलचस्प बात यह है कि कलबुर्गी जिला कोरोना के हॉटस्पाट केंद्रों में शामिल है। और यहाँ तीन लोगों की अब तक कोरोना के चलते मौत हो चुकी है। ऐसे में प्रशासन ने कैसे इसकी इजाज़त दी यह सब कुछ एक रहस्य बना हुआ है। बताया जा रहा है कि आयोजकों के साथ प्रशासन की एक बैठक हुई थी जिसमें आयोजकों ने कार्यक्रम न करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन अचानक कैसे वे पलट गए यह सब कुछ एक रहस्य बना हुआ है। पुलिस का कहना है कि वह मामले की छानबीन कर रही है। बहरहाल इतने बड़े आयोजन के बाद इलाक़े में एक बार फिर संक्रमण का ख़तरा बढ़ गया है।
अभी तक धार्मिक मामलों को लेकर अल्पसंख्यक तबकों को ही निशाना बनाया जाता रहा है। इसमें सरकार से लेकर मीडिया तक उनकी घेरेबंदी से बाज नहीं आते। लेकिन देखा यह जा रहा है कि जब भी कोई हिंदुओं से जुड़ा लॉकडाउन तोड़ने या फिर उसे दरकिनार करने का मामला सामने आ रहा है तो सरकार और मीडिया दोनों चुप्पी साध लेते हैं या फिर मामले को सामने आने ही नहीं देते।
इस मामले में भी यही हो रहा है। अभी तक मुख्यधारा के मीडिया में यह ख़बर दिखायी तक नहीं गयी है।
न्यूज़ मिनट पोर्टल के मुताबिक़ जब कार्यक्रम शुरू हुआ उस दौरान पुलिस ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। बहुत लोगों का कहना था कि इसी तरह का एक कार्यक्रम 13 मार्च को भी आयोजित हुआ था। जब बड़ी तादाद में लोगों न उसमें शिरकत की थी। हालाँकि उस समय लॉकडाउन नहीं लागू हुआ था। ज़िले के पुलिस महकमे का कहना है कि उसने मामले में केस रजिस्टर कर लिया है। इस ज़िले में अभी तक कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं। गुरुवार तक 20 मामले दर्ज किए गए थे। यहाँ अभी तक तीन मौतें हो चुकी हैं। 20 में 14 का मौजूदा समय में इलाज चल रहा है। कलबुर्गी वह जिला है जहां भारत के पहले कोविड मरीज़ की मौत हुई थी।
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