पीएम मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मार्ग दर्शक मंडल में शामिल!

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बीजेपी के मार्ग दर्शक मंडल में शामिल कर दिए गए हैं। यह खबर आपको हैरान कर सकती है। लेकिन बीजेपी की आधिकारिक वेबसाइट पर अगर भरोसा करें तो खबर बिल्कुल सच है। पार्टी की वेबसाइट के मार्गदर्शक मंडल वाले कॉलम में सबसे पहला चेहरा पीएम मोदी का है। जहां उनकी फोटो के साथ ही उनके प्रधानमंत्री आवास वाला पता दिया गया है। उसके बाद पार्टी के वरिष्ठतम नेता लाल कृष्ण आडवाणी की फोटो है जो पहले से ही मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य हैं। उसके बाद तीसरे नंबर पर बीजेपी के अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी की तस्वीर है। और फिर आखिर में नये-नये शामिल किए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तस्वीर दी गयी है।

गौरतलब है कि शपथ ग्रहण से पहले पीएम मोदी ने मार्ग दर्शक मंडल के इन दोनों सदस्यों से मुलाकात करने उनके घर गए थे। आमतौर पर देखा गया है कि मोदी आडवाणी से तो मिलने जाते हैं लेकिन जोशी के यहां उनको बहुत कम देखा गया है। इस बार उन्होंने जोशी से भी आशीर्वाद लिया। वैसे वेबसाइट पर दी गयी इस तस्वीर को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। कुछ लोगों का कहना है कि कहीं वेबसाइट हैक तो नहीं कर ली गयी? या फिर किसी रणनीति के तहत इसको अंजाम दिया गया है। जिसमें खुद पीएम मोदी की भी इच्छा शामिल है।

हालांकि मार्ग दर्शक मंडल की नई सूची में शामिल किए गए इन दोनों चेहरों के बारे में पहले से ही ये बातें कही जाती रहीं हैं। चुनाव नतीजों के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आया बयान भी इन दिनों चर्चा में है। उन्होंने इशारे-इशारे में सीधे तौर पर पीएम मोदी पर हमला किया है। जब उन्होंने कहा कि अहंकार किसी को नहीं पालना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं और मेरा की भाषा किसी सेवक को शोभा नहीं देती है। इस भाषा और सोच के साथ कोई सेवक नहीं हो सकता है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश को समावेशी सोच के तहत ही चलाया जा सकता है। उनके पूरे भाषण को मोदी की आलोचना के तौर पर देखा जा रहा है। इसके पीछे इस बात की संभावना भी देखी जा रही है कि राजनीतिक परिस्थितियों के बदलने के साथ ही संघ भी अपनी रणनीति में बदलाव ला रहा है। 

मोहन भागवत का पूरा भाषण इसी बात की तरफ इशारा करता है। वैसे भी मोदी 74 साल के हो गए हैं। और खुद उन्होंने ही पार्टी में 75 साल के बाद किसी के राजनीति से सन्यास लेने का नियम बनाया है। और पिछले दिनों इसी नियम के तहत न केवल आडवाणी और जोशी को बल्कि कई नेताओं को सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने के लिए मजबूर कर दिया गया था। और अब जबकि मोदी खुद 75 की रेखा छूने वाले हैं तो उनके सन्यास को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। मार्गदर्शक मंडल की इस नयी सूची के आने के बाद यह बहस और तेज हो जाएगी।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि संघ सही समय पर हस्तक्षेप करेगा और बीजेपी में अपने वैकल्पिक नेतृत्व को सामने लाने का काम करेगा। जैसा कि उसने आडवाणी के समय किया था। लिहाजा पार्टी के साथ ही लोगों की निगाहें संघ की अगली चाल की तरफ लगी हुई हैं। और वैकल्पिक नेतृत्व के लिए वह किसे पेश करता है इसको लेकर भी राजनीति से लेकर समाज के गलियारे में चर्चा-ए-आम है।

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