लॉकडाउन तोड़ कर कर्नाटक में निकली एक और शोभायात्रा, बंगलुरु की पॉश सोसाइटी में हुआ सैकड़ों लोगों का जमावड़ा

Estimated read time 1 min read

नई दिल्ली। कर्नाटक के कलबुर्गी में निकली रथ यात्रा के बाद सूबे में एक और शोभयात्रा निकाले जाने की ख़बर है। लॉकडाउन के इस काल में जब लोगों को घरों से बाहर निकलने की मनाही है और बिल्कुल कर्फ़्यू जैसी कड़ाई बरती जा रही है तब बंगलुरू में एक शोभा यात्रा निकाली गयी है। इससे संबंधित एक वीडियो सामने आया है जिसमें कुछ लोग एक पालकी को लिए हुए हैं। यह पालकी किसी सोसाइटी के भीतर दिखायी दे रही है। जिसमें महिलाएँ और पुरुष दोनों शामिल हैं। 

शोभा यात्रा के आगे ऊपर से नीचे तक सफ़ेद धोती पहने मुनि के भेष में कुछ लोग दिख रहे हैं। जिन्होंने अपने मुँह में मास्क पहन रखा है। लेकिन फ़िज़िकल डिस्टेंसिंग की मान्य दूरियों की यहाँ धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। पालकी के पीछे पूरी एक भीड़ दिखाई देती है। लोग एक दूसरे से सटे हुए हैं। और अगर खुदा न ख़ास्ता किसी एक को भी कोरोना पाजिटिव हो तो इस शोभा यात्रा में शामिल शायद ही कोई इस घातक बीमारी से बच पाए।

आगे-आगे चल रहे मुनि शोभा यात्रा को एक जगह पर रोककर कुछ संदेश पढ़ते हैं और बाक़ी लोग उसको दोहराने का काम करते हैं। इस पूरे कार्यक्रम में न तो कोई पुलिस दिख रही है और न ही प्रशासन का कोई आदमी। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इसको आयोजित किसने किया है और क्या इसकी अनुमति प्रशासन से ली गयी थी। और अगर इतना बड़ा आयोजन हो रहा था तो प्रशासन को इसकी ख़बर क्यों नहीं लगी? ये तमाम सवाल हैं जिनके उत्तर आने अभी बाक़ी हैं। आपको बता दें कि कर्नाटक कोरोना प्रभावित सूबों में शामिल है। और देश का सबसे पहले कोरोना पीड़ित शख्स की मौत भी इसी सूबे में हुई थी जब कलबुर्गी ज़िले में उस शख़्स की जान इस बीमारी ने लील ली थी।

कर्नाटक में अभी कोरोना के 425 मरीज़ हैं और अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। दिलचस्प बात यह है कि अभी तक इनमें से एक भी मरीज़ ठीक नहीं हुआ है। यह अपने आप में बेहद परेशान करने वाला आंकड़ा है।

इसके पहले कलबुर्गी में महासिद्धलिंगेश्वर में एक रथ यात्रा निकाली गयी थी जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए थे। इस घटना के बाद वहाँ ज़बरदस्त बवाल हुआ था। और पुलिस ने कई आयोजकों को हिरासत में ले लिया था। लेकिन उस घटना के बावजूद सूबे के लोगों ने सबक़ नहीं सीखा। और एक बार फिर उसी तरह की यात्रा पर निकल पड़े। और सबसे दिलचस्प बात यह है कि यह किसी अनपढ़, अशिक्षित या फिर पिछड़े इलाक़े में नहीं हुआ है। यह देश के मेट्रो शहर की एक पॉश सोसाइटी में आयोजित हुआ है। अगर पढ़े-लिखे और शिक्षित तबके के लोग इसके ख़तरे को नहीं समझ पा रहे हैं तो फिर देश में किसको समझाया जा सकता है। यह एक सवाल बन कर रह गया है।

https://www.facebook.com/susheel.manav5891/videos/2904434886301007/

+ There are no comments

Add yours

You May Also Like

More From Author