महानगरों का कचरा प्रबंधन जलवायु परिवर्तन को रोकने में हो सकती है मुख्य भूमिका: प्रसेनजीत मुखर्जी

रांची। मल्टी आर्ट एसोसिएशन और अर्बन-Kheti के सयुंक्त प्रयास से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। रांची नगर निगम के वार्ड नंबर 39 में 100 घरों में संचालित विकेन्द्रीकृत गीला कचरा प्रबंधन पायलट प्रोजेक्ट के अनुभवों के आधार पर रांची के कचरा प्रबंधन में नवाचार की सम्भावनाओं पर अलग-अलग हितग्राहियों के साथ चर्चा आयोजित की गई।

स्वयं सेवी संस्था मल्टी आर्ट एसोसिएशन के जेम्स हेरेंज ने कार्यशाला की शुरुआत करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में शहरी क्षेत्र में कार्य करने की जरूरत है जिसके लिए कचरा प्रबंधन में सामाजिक संगठनों को भी आगे आना चाहिये। झिरी जैसे डंप साइट ने वहां के पानी, हवा और मिट्टी तीनों को बुरी तरह प्रभावित किया है। अर्बन-Kheti जो मल्टी आर्ट एसोसिएशन के साथ कचरा प्रबंधन के तकनीकी पार्टनर के रूप में कार्य कर रही है, प्रकाश कुमार ने वर्तमान कचरा प्रबंधन के कारण उत्पन्न हो रही समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा किया और कचरा बीनने वाले समुदाय के द्वारा शहर को साफ रखने के लिए उनके योगदान को रेखांकित किया।

अर्बन-Kheti से बिनोद कुमार ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि वार्ड नंबर 39 के 100 घरों में कचरा पृथक्करण की किस प्रकार शुरुआत की गई। गीले कचड़े को इसके लिए खाद खांची नामक कॉम्पोस्टर बीन और सूखे कचरे को बोरे में अलग से रखा जा रहा था। 7 से 10 दिन के अंतराल में खाद- खांची में जमा किये जा रहे कचड़े को प्रोसेसिंग सेंटर में लाकर खाद में तब्दील किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान 3 टन गीला कचरा को झिरी डंप साइट में जाने से रोका गया और मीथेन गैस के उत्सर्जन को रोका गया। इस पूरी प्रक्रिया में 2 कचरा बीनने वाले परिवारों को सेवा प्रदाता के रूप में शामिल किया गया था।

कार्यशाला के अगले सत्र में कचरा प्रबंधन में स्किल डेवलपमेन्ट और रोजगार की संभावना पर पैनल परिचर्चा आयोजित की गई। इस परिचर्चा में जीजीएफ से फिलिप कुजूर, स्किल मिशन से विश्वरूप ठाकुर और जेएसपीएल से सुमित कुमार ने भाग लिया। कार्यशाला के अंतिम सत्र में रांची विश्वविद्यालय के गुमला कॉलेज के वनस्पति शास्त्र के प्रोफेसर डॉ प्रसेनजित मुखर्जी ने रांची और अन्य शहरों में कचरा प्रबंधन की चुनौतियों और समाधान के तरीकों पर विस्तारपूर्वक बात किया। उन्होंने क्लीन रांची ग्रीन रांची प्रोजेक्ट के अनुभवों को भी साझा किया।

कार्यशाला में भोजन के अधिकार अभियान के बलराम जो, झारखण्ड सीएसओ फोरम से विवेक रॉय, अजीम-प्रेमजी फाउनडेशन से रंजन पांडा, शनी भगत, शिवांगी, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के 40 से अधिक प्रतिनिधियों और जगरनाथपुर से युवा क्लब के सदस्य ने भाग लिया।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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