रांची। ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (ऐक्टू) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक रांची स्थित पुराने विधानसभा परिसर के विधायक क्लब में कई महत्वपूर्ण निर्णयों और प्रस्तावों के साथ संपन्न हो गई।
चार श्रम कोड कानूनों को रद्द कर 44 श्रम कानूनों को बहाल करने, तीन नए फौजदारी कानूनों को रद्द करने, आशा, रसोइया, आंगनबाड़ी जैसी स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने व न्यूनतम 28 हजार रुपये वेतन सुनिश्चित करने, एनपीएस-यूपीएस को रद्द कर सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) लागू करने, संविदा-ठेका नियोजन प्रथा पर रोक लगाने, बेरोजगारी और महंगाई पर अंकुश लगाने, तथा रोजगार के अवसर सृजित करने जैसे मुद्दों पर केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी और कॉरपोरेटपरस्त निजीकरण नीतियों के खिलाफ आगामी 9 जुलाई को ऐक्टू समेत 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत देशव्यापी हड़ताल को हर सेक्टर में पूरी ताकत से सफल बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 20 जून से 8 जुलाई तक देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाने का भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

देशभर के विभिन्न सेक्टरों से आए 80 से अधिक ट्रेड यूनियन नेताओं ने चर्चा में हिस्सा लिया और सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए। इनमें अमेरिकी प्रभाव में इजराइल द्वारा ईरान पर थोपे गए युद्ध को तत्काल रोकने, शांति स्थापना की दिशा में बढ़ने, अमेरिका को मध्य पूर्व एशियाई मामलों में जनसंहारक और हिंसक अभियानों से बाहर आने, तथा बिहार में स्थानीय स्तर पर रोजगार न देने के लिए जिम्मेदार 20 वर्षीय एनडीए सरकार को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ता से बेदखल करने का आह्वान शामिल है।
यह बैठक ऐक्टू के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण रही, क्योंकि तमिलनाडु के सफाई मजदूरों का बड़ा संगठन लेफ्ट ट्रेड यूनियन सेंटर (एलटीयूसी) ऐक्टू से संबद्ध हो गया। इससे तमिलनाडु में ऐक्टू को व्यापक विस्तार मिला, जो 9 जुलाई की देशव्यापी हड़ताल में अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन करेगा।
बैठक की शुरुआत 15 जून को फिलिस्तीन के गाजा में इजराइली हमले में मारे गए निर्दोष महिलाओं, बच्चों, पहलगाम आतंकी हमले, अहमदाबाद विमान हादसे सहित अन्य घटनाओं में अकाल मृत्यु का शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई।

बैठक की कार्यवाही का संचालन ऐक्टू राष्ट्रीय अध्यक्ष वी. शंकर, राष्ट्रीय महासचिव राजीव डिमरी, बिहार आशा नेत्री व एमएलसी शशि यादव, झारखंड स्कीम वर्कर नेत्री गीता मंडल, तमिलनाडु से एस. कुमारसामी, महाराष्ट्र से विजय कुलकर्णी, बंगाल की नेत्री जयश्री दास, रेल नेता संतोष पासवान, उत्तर प्रदेश से अनिल वर्मा सहित 12 सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने किया।
दो दिवसीय बैठक में झारखंड के ऐक्टू नेता शुभेंदु सेन, भुनेश्वर केवट, बिहार के सरकारी कर्मचारियों के संगठन महासंघ (गोप गुट) के अध्यक्ष रामबली प्रसाद, महासचिव प्रेमचंद कुमार सिन्हा, रसोइया नेत्री सरोज चौबे, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, ओडिशा से महेंद्र परिदा सहित दर्जनों नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
(प्रेस रिलीज)