लखनऊ। भाकपा (माले) और इंसाफ मंच ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार यूपी के विभिन्न जिलों में मुसलमानों के उत्पीड़न का अभियान संचालित कर रही है। इस कड़ी में मस्जिदों से लेकर मदरसों तक को नहीं छोड़ा जा रहा है। दोनों संगठनों का कहना है कि यह तथ्य उनकी एक संयुक्त टीम के बहराइच, श्रावस्ती और सिद्धार्थ नगर जिलों के दौरे के दौरान सामने आया है। कल उन्होंने लखनऊ में एक प्रेस वार्ता करके इसका खुलासा किया। यह दौरा टीम ने 20,21 और 22 जून को किया था।
जांच टीम की ओर से जारी किए गए विवरण में बताया गया है कि प्रदेश सरकार द्वारा पीलीभीत, खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज सहित प्रदेश के तराई अंचल के जिलों में मजारों-मस्जिदों-ईदगाहों व मदरसों को अवैध जमीन पर स्थित होने, बिना मान्यता के संचालित होने के आधार पर नोटिस देकर उन्हें बंद करने, बुलडोजर से ध्वस्त करने की कार्यवाही लगातार जारी है। इसके तहत सिर्फ बहराइच और श्रावस्ती जिले में ही 500 से अधिक मदरसों को बंद कर दिया गया है और बहराइच, श्रावस्ती सहित पूरे अंचल में 60 के करीब मजारों, मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है। इस पूरी प्रक्रिया में कानून का खुला उल्लंघन जारी है।

देश की संसद से पास उपासना स्थल अधिनियम 1991 जो यह कहता है कि 15 अगस्त, 1947 यानी आजादी के समय मौजूद धार्मिक स्थल अपनी स्थिति में ही रहेंगे, यह कानून ऐसे स्थलों पर कार्यवाही से रोकता है, परंतु प्रदेश सरकार ने कानून को ताख पर रखकर 500 साल पुरानी बहराइच में सैयद हासिम अली शाह उर्फ लक्कड़ शाह सहित दर्जनों दरगाहें तोड़ दी गई हैं।
जांच टीम ने बताया कि आजादी पूर्व की मस्जिद, ईदगाह तोड़ी गई है जो सरकारी जमीन पर अवैध ढंग से बना बात कर मस्जिद, मदरसों को तोड़ा जा रहा है उन्हें नोटिस देने के बाद कानूनी कार्रवाई में जाने का समय दिए बगैर ही तोड़ दिया जा रहा है कई मामले ऐसे हैं कि नोटिस और तोड़ने की कार्यवाही एक ही दिन में कर दी गई है जो कि कानून सम्मत नहीं है और धारा 67 की नोटिस के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की गाइडलाइन का घोर उल्लंघन है।

उन्होंने बताया कि कई मामलों में उच्च न्यायालय में वार्ड लंबित होने के बाद भी बुलडोजर चलाया गया है। श्रावस्ती जिले में तो 300 के लगभग मदरसों को एक ही दिन 25 अप्रैल को पूरे जिले में एक ही पत्रांक से नोटिस जारी किया गया, जो कुछ पहुंचे कुछ नहीं मगर मदरसों को बंद कर दिया गया। जिले में 300 के लगभग मौजूद मदरसों में अब सिर्फ 9 ही चल रहे हैं।
जांच दल ने ऐसे वीडियो व सोशल मीडिया पोस्ट देखे जिसमें बहराइच के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी संजय मिश्रा अपने मदरसों के दौरे का स्वयं वीडियो बनाते हैं जिसमें मदरसा शिक्षकों को हड़काना, यह क्यों पढ़ाते हो, यह क्यों नहीं पढ़ाते आदि बातें की जाती हैं। और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कार्यवाहियों का प्रचार किया जा रहा है और मदरसों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।

जांच दल ने यह पाया कि कई जगह मदरसों के सरकारी जमीन पर होने के कारण मुस्लिम समाज के लोग उसे जमीन के बदले धारा 101 के तहत एसडीएम के यहां जमीन एक्सचेंज के बाद भी दायर किया परंतु उस पर भी कोई सुनवाई नहीं की गई और प्रशासन ने मदरसा तोड़ दिया, कई जगहें ऐसी भी थीं जहां सारे कागज थे मगर फिर भी बुलडोजर चलाया गया मदरसे को सील व ध्वस्त कर दिया गया, अधिकारियों का कहना है कि हमें आदेश है हम ऐसा करेंगे ही।
इस पूरी जांच रिपोर्ट को आज जारी करते हुए भाकपा माले राज्य सचिव सुधाकर यादव, इंसाफ मंच के प्रदेश संयोजक अफरोज आलम ने आज आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों को केंद्र करते हुए संविधान द्वारा दी गई उन्हें धार्मिक व शिक्षा की आजादी के अधिकार को रौंदते हुए प्रदेश के अंदर मजारों, मस्जिदों, ईदगाहों, मदरसों पर बुलडोजर अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश का तराई अंचल जहां बहराइच/ श्रावस्ती से लेकर कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर तक जो महात्मा बुद्ध के उपासना और शांति, बंधुत्व के संदेश की स्थली है, को योगी सरकार गाजी बनाम सुहेलदेव के बहाने अपनी नफरत की राजनीति का केंद्र बनाने में लगी है यह बुलडोजर अभियान उसी का हिस्सा है।

भाकपा माले और इंसाफ मंच के नेताओं ने सांप्रदायिक भावना से ग्रस्त बहराइच के जिला अल्पसंख्यक अधिकारी संजय मिश्रा को तुरंत पद से हटाने के साथ ही प्रदेश के तराई अंचल बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर सहित अन्य जिलों में सरकार द्वारा चलाए जा रहे मदरसों की बंदी,मजारों, मस्जिदों,ईदगाहों, व मदरसों पर चलाए जा रहे बुलडोजर अभियान को तुरंत बंद करने की मांग की है। इस बुलडोजर कार्रवाई से लगभग 50 मदरसा छात्रों को पढ़ाई से वंचित होना पड़ रहा है और सैकड़ों मदरसा शिक्षक बेरोजगार हो रहे हैं नेताओं ने प्रदेश सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर हजारों की संख्या में सरकारी स्कूलों की बंदी के फैसले की भी आलोचना की और गरीबों के बच्चों को शिक्षा को वंचित करने वाले इस स्कूल बंदी के फैसले को वापस लेने की मांग की है।

पत्रकार वार्ता में दोनों नेताओं ने बताया कि भाकपा माले और इंसाफ मंच प्रदेश में खासकर तराई आंचल में मुसलमानों के शिक्षा व इबादतगाहों पर जारी बुलडोजर अभियान के खिलाफ आगामी 30 जून को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन करेगा और इस बुलडोजर अभियान को बंद करने के लिए जन आन्दोलन तेज करेगा।
जांच टीम में भाकपा माले राज्य स्थाई समिति सदस्य राजेश साहनी, राज्य कमेटी सदस्य कामरेड राम लौट, गोंडा भाकपा माले जिला प्रभारी जमाल खान शामिल थे।
(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)