बेशक 1947 में देश का खूनी बंटवारा हुआ था और दो मुल्क हिंदुस्तान और पाकिस्तान वजूद में आए। बांग्लादेश बाद में बना। इन तीनों देशों में एक त्योहार पुरानी विरासती संस्कृति के साथ अपनी-अपनी सरजमीं पर मनाया जाता है।...
हम उस काम को पूरा करने की कोशिश में जुटे हैं जिसे करते हुए लगता है वर्षों बीत चुके हैं। इतने सारे सहचर मनुष्यों के साथ एक साथ एक कमरे में रहने के आनंद को मैं कभी भी चलताऊ...
ये खुद भी घिनौने हैं। और पूरे देश और समाज को अपने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के उसी घिनौने परनाले में ले जाकर गिरा देना चाहते हैं। इन्हें न संस्कृति की समझ है न राष्ट्र की। और धर्म के नाम पर...
जौनपुर/लखनऊ। रिहाई मंच ने पीएफआई के नाम पर जौनपुर के सहावें से गिरफ्तार मोहम्मद साजिद और उसरौली से गिरफ्तार अबू हुजैफा के परिजनों से मुलाकात की है। इस बीच सीपीआईएमएल ने पीएफाई और उसके संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों...
इस बात में कोई शक़-ओ-शुबह नहीं है कि धार्मिक कट्टरता समाज को प्रतिगामी, रुढ़िवादी और संकीर्ण बनाती है। और इस बात में भी दो राय नहीं है कि समाज को प्रगतिशील, परिवर्तनकामी और उदार बनाना है तो सबको शिक्षित...
2015 के बिहार विधान सभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल ने हाथ मिला लिया था। सात साल के बाद 2024 लोकसभा चुनाव से पहले जदयू फिर एक बार बीजेपी से नाता तोड़कर यूपीए से हाथ...
अभी हाल में मुहर्रम बीत गया, कुछ घटनाओं को छोड़कर पूरे मुल्क से मुहर्रम ठीक ठाक मनाए जाने की ख़बरें रहीं हैं। लेकिन इन खबरों के बीच कुछ खबरें परेशानी पैदा करने वाली आई हैं, कुछ जगह मुहर्रम मनाए...
"आपने हमें भेड़ियों के आगे फेंक दिया।” बंटवारे की खबर मिलने के बाद, यह गंभीर और कड़ी प्रतिक्रिया, थी सरहदी गांधी, खान साहब अब्दुल गफ्फार खान, यानी बादशाह खान की। यह वाक्य उन्होंने किसी और से नहीं, बल्कि महात्मा...
15 अगस्त, 1947 को जब देश की आजादी का ऐलान हुआ, वह गाँधी जी के लिए जश्न का दिन नहीं था। इधर देश उत्सव में मग्न था, और उधर महात्मा गांधी 14 अगस्त, 1947 की रात कलकत्ता में शांति...
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कई अलग-अलग तरीकों से अपनी चुनावी ताकत बढ़ाती रही है। पार्टी को मिलने वाले वोटों का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। परंतु वह इससे संतुष्ट नहीं है। वह अन्य पार्टियों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को दलबदल...
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