इंदौर में बाहर बैठकर परीक्षा देती छात्राएं।

इंदौर में मानवता हुई शर्मसार: मुस्लिम छात्राओं को हॉल के बाहर बैठकर परीक्षा देने के लिए होना पड़ा मजबूर

नई दिल्ली/इंदौर। इंदौर में मानवता और पूरे समाज को शर्मसार और कलंकित करने वाली घटना सामने आयी है। यहां के एक स्कूल में मुस्लिम बच्चियों को हाल के बाहर बैठ कर परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया है। घटना शहर के बंगाली स्कूल की है। जहां तमाम स्कूलों का सेंटर पड़ा था।

दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के मुताबिक दूसरे स्कूलों के परीक्षार्थियों को सीटें हॉल में एलॉट की गयी थीं लेकिन इस्लामिया करीमिया स्कूल (आईकेडीसी) से जुड़ी छात्राओं के साथ ऐसा नहीं किया गया। प्रशासन का कहना था कि ऐसा कोरोना वायरस के डर से किया गया था।

स्कूल के सेंटर सुपरिटेंडेंट का कहना था कि ऐसा एहतियात के तौर पर किया गया क्योंकि मुस्लिम छात्र रेड जोन से आते थे। सुपरिटेंडेंट की यह बात उस समय झूठी साबित हो गयी जब पता चला कि बहुत सारे हिंदू छात्र भी रेड जोन से आते हैं लेकिन उन्हें हॉल के भीतर जगह दी गयी थी। दैनिक जागरण ने उनके हाल के भीतर बैठने की भी पुष्टि की है।

यह बिल्कुल साफ-साफ धार्मिक भेदभाव का मामला है। और इसके लिए स्कूल का प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेदार है। और यह काम ऐसे समय में हुआ जब गर्मी अपने परवान पर है। किसी के लिए इस समय जब खुले में एक मिनट भी खड़ा हो पाना मुश्किल है तब उन छात्राओं को बरामदे के बाहर तीन-तीन घंटे तक बैठाए रखा गया। और ऊपर से उन्हें इस दौरान परीक्षा देने जैसा एक बेहद संवेदनशील और दिमागी काम करना था। परीक्षा कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं की थी। 

कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की है। जिसमें उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। मसूद भोपाल के सेंट्रल इलाके से विधायक हैं। बताया जा रहा है कि परीक्षा 9 जून को हुई थी।

पहले तो इस्लामिया करीमिया स्कूल के बच्चों को प्रशासन परीक्षा देने के लिए सेंटर के भीतर घुसने ही नहीं दे रहा था। लेकिन जब छात्रों और छात्राओं ने इसका विरोध किया तब बाहर बैठाकर उनकी परीक्षा ले ली गयी।

शिवराज चौहान को लिखे पत्र में मसूद ने कहा कि जहां सांप्रदायिक सौहार्द की बातें पढ़ायी और बतायी जानी चाहिए वहां छुआछूत और भेदभाव सिखाया जा रहा है। इस मामले में उन लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है।

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