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सूरत में पाटीदारों ने किया हंगामा, कई बसें फूंकी

अहमदाबाद/सूरत। सूरत में बीजेपी को एक बार फिर उसी तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ा जैसा उसके अध्यक्ष अमित शाह ने एक साल पहले किया था। इस तरह से कहा जा सकता है कि सूरत बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। एक वर्ष पहले सूरत के वराछा रोड पर बीजेपी ने एक सम्मलेन किया था जिसके मुख्य अतिथि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे। लोहे की रेलिंग बनाई गई थी ताकि कोई पाटीदार स्टेज के आस-पास न आ सके। फिर भी जब अमित शाह बोलने आये तो सम्मलेन में मौजूद युवाओं ने जय सरदार, जय पाटीदार के नारों के साथ कुर्सियां उछालनी शुरू कर दी। 4 मिनट में ही अमित शाह सभा स्थल से भाग खड़े हुए थे।

कल मंगलवार शाम हीरा बाग सर्किल के पास बीजेपी ने “विजय टंकार युवा सम्मेलन” का आयोजन किया था जिसमें राज्य बीजेपी युवा अध्यक्ष डॉ. रित्विज पटेल उपस्थित थे। पाटीदारों ने पहले ही सूरत पुलिस को लिखित में अर्जी दे रखी थी कि भारतीय जनता पार्टी को कभी भी वराछा रोड पर सम्मलेन की अनुमति न दी जाये नहीं तो कानून व्यवस्था ख़राब हो सकती है। इसके बावजूद पुलिस ने बीजेपी के सम्मलेन को अनुमति दे दी। जिसके चलते पास कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट गया और पाटीदारों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया। उन्होंने डॉ. रित्विज पटेल के सम्मलेन पर टमाटर फेंके और पथराव किया। जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। इस दौरान धार्मिक मालवीय और अल्पेश कथीरिया सहित 50 से अधिक पाटीदारों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ़्तारी के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट करके पुलिस को सूरत कन्वेनर और अन्य पाटीदारों को छोड़ने की मांग की। उन्होंने धमकी के अंदाज में कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो पाटीदार क्रांति का मार्ग अपनाने के लिए बाध्य होंगे। गिरफ़्तारी के बाद इन्हें उमरा पुलिस स्टेशन ले जाया गया। खबर फैलते ही पाटीदार महिलाओं और युवावों ने पुलिस स्टेशन घेर लिया। महिलाएं थाली और बेलन बजा कर हंगामा किया साथ ही सरकार और पुलिस की सद्बुद्धि के लिए रामधुन भी गाया। पुलिस कार्रवाई के बाद गुस्साए पाटीदारों ने सूरत में दो बसें और मोरबी में एक बस फूंक दी और रात को तीसरी बस को बारह बजे फूंकने की ह्वाट्सएप के माध्यम से धमकी भी दी थी। भले ही तीसरी बस सूरत में नहीं फूंकी गई लेकिन राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा है ऐसे समय में किसी समूह द्वारा बीजेपी शाषित राज्य में धमकी देना का मतलब यही है कि बीजेपी की ज़मीन खिसक चुकी है।

सूरत की घटना के बाद अहमदाबाद, मेहसाणा और सौराष्ट्र में भी छिटपुट घटना होने की ख़बरें आई थीं। परन्तु पुलिस ने रातों-रात परिस्थिति पर कंट्रोल कर लिया लेकिन प्रधान मंत्री के दौरे के मद्दे नज़र राज्यभर से पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति एवं अन्य क्रन्तिकारी युवाओं को डिटेन कर लिया गया। महिला कार्यकर्ताओं को रात भर उनके ही घर में नज़रबंद कर लिया गया था। मिली जानकारी के अनुसार सैकड़ों लोगों को पुलिस ने डिटेन का रखा है। आम आदमी पार्टी की महिला विंग अध्यक्ष को ओढव पुलिस ने सुबह ही डिटेन कर लिया था। जिसे पार्टी ने अलोकतांत्रिक बताया। पास महिला संयोजक रेशमा पटेल और गीता पटेल को भी पुलिस ने डिटेन किया है।

आज से जापान और भारत के प्रधानमंत्री राज्य के दौरे पर हैं। ऐसे समय में पुलिस और पाटीदारों के टकराव ने राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी थी। लेकिन पुलिस ने रातों-रात हालात पर काबू पा लिया है। रात को सूरत, अहमदाबाद में नेट सेवा भी बंद कर दी गई थी। निजी चैनलों ने शुरुआत में घटना की जानकारी दी फिर उसके बाद नपी तुली खबरें ही दिखाईं जा रही थीं। अधिकतर बड़े अखबरों ने घटना को कवर नहीं किया। सरकार ने चतुराई के साथ काम किया ताकि इंडो जापान वार्षिक सम्मलेन पर ज्यादा असर न पड़े।

इस बीच आज जब अबे गुजरात पहुंच गये हैं और प्रधानमंत्री मोदी उनकी अगवानी कर रहे हैं। उसी समय राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के राकेश महेरिया, यश मकवाना और जयेश गांधी को अहमदाबाद एयरपोर्ट रोड से मोदी के काफिले का विरोध करते हुए डिटेन कर लिया गया। आपको बता दें कि भाजपा के नितिन पटेल ने गुजरात के दलित समाज और जिग्नेश मेवाणी के बारे में असंवैधानिक टिप्पणी की थी जिसके चलते पूरे गुजरात में दलित समाज की ओर से आवेदन पत्र दिया गया था कि अगर नितिन पटेल दलित समुदाय से माफी नही मांगते हैं तो नरेंद्र मोदी के काफिले का काला झण्डा दिखा कर विरोध किया जाएगा।

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