औरंगाबाद: दलितों पर सामंती अपराधियों के हथियारबंद हमले में 6 जख्मी, माले का 24 को राज्यव्यापी विरोध

पटना। औरंगाबाद में दाउदनगर के अन्छा गांव में 21 अगस्त को हरबे-हथियार से संगठित राजपूत दबंगों ने जनसंहार की मंशा से दलित-गरीब टोले पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में छह लोग बुरी तरह से घायल हुए हैं। उनका इलाज पीएमसीएच में किया जा रहा है। दलित बस्ती पर हुए हमले की भाकपा माले के राज्य सचिव कॉ. कुणाल ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि आगामी 24 अगस्त को भाकपा माले इस हमले के विरोध में राज्य स्तरीय विरोध दिवस आयोजित करेगी।

कुणाल ने कहा कि हम देख रहे हैं कि लॉकडाउन पीरियड में पूरे बिहार में सामंती-सांप्रदायिक-अपराधी ताकतों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। दाउदनगर की घटना उसी की एक कड़ी मात्र है। उन्होंने अन्छा की घटना में शामिल सभी अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है।

उधर, आज शनिवार को भाकपा-माले की एक उच्चस्तरीय टीम अन्छा का दौरा कर रही है। पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ. राजाराम सिंह के नेतृत्व में इस राज्य स्तरीय टीम में कॉ. महानंद, कॉ. अनवर हुसैन, कॉ. जितेंद्र यादव, कॉ. रवींद्र यादव और कॉ. मुनारिक राम शामिल हैं।

उधर पटना में पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ अमर के नेतृत्व में पार्टी की एक टीम आज पीएमसीएच में भी घायल लोगों से मिलने पहुंची।

बता दें कि 21 अगस्त को सामंती अपराधियों ने अचानक गांव के दलित-गरीब टोले पर फायरिंग शुरू कर दी। अचानक हुए हमले में कई लोग बाल-बाल बच गए। अपराधियों की मंशा एक बड़े जनसंहार को अंजाम देने की थी। इस हमले में छह लोग घायल हुए हैं। इनमें से पांच लोगों को पीएमसीएच पटना रेफर कर दिया गया है।

इस हमले में मनीष उर्फ बॉबी चंद्रवंशी (16 वर्ष) को छाती में गोली लगी है। लक्ष्मीनिया देवी, (38 वर्ष) को जांघ में गोली लगी है। राजेश चौधरी (20 वर्ष) की कनपटी में गोली लगी है। विकास यादव (17 वर्ष) की पीठ में गोली लगी है। अमन कुमार (13 वर्ष) के हाथ में गोली लगी है। सोल्जर चौधरी (18 वर्ष) भी हमले में घायल हुए हैं।

घटना की शुरुआत विगत 14 अगस्त को हुई थी। गांधी सिंह के यहां जन्म दिन के अवसर पर नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उनका घर गांव के दलित मुहल्ले में है। कार्यक्रम के दौरान राजपूत समुदाय से आने वाले दबंगों ने हो हल्ला शुरू कर दिया। मना करने पर गांधी सिंह के भगीना ने धीरज पासवान पर मोटरसाइकिल चढ़ा दी। उसके बाद धक्का मुक्की भी हुई। किसी तरह से मामला शांत हो गया था।

फिर 19 अगस्त को मुकेश कुमार (18 वर्ष) और रौशन कुमार (19 वर्ष) दाउदनगर बाजार से घर लौट रहे थे, तो मुहल्ले में क्रिकेट खेल रहे राजपूत जाति के लड़कों ने अचानक उन पर हमला कर दिया और मार पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। दोनों लड़के बुरी तरह घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए बाहर भी जाने नहीं दिया गया।

आक्रोशित गरीबों ने 20 अगस्त को राजपूत जाति के कुछ मन बढ़ुओं की भी पिटाई कर दी। यह बात सामंती ताकतों को नागवार गुजरी और उसके बदले के रूप में टोले पर राइफलों से हमला कर दिया। गरीब टोले की ओर से भी प्रतिरोध हुआ, लेकिन अंधाधुंध फायरिंग में कई लोग घायल हो गए।

भाकपा-माले के तीन सदस्यीय जांच दल ने 21 अगस्त को ही गांव का दौरा किया था और मामले की जानकारी ली थी। जांच टीम में जिला सचिव, खेग्रमस और पार्टी जिला कमेटी सदस्य राजकुमार भगत, पार्टी जिला कमेटी सदस्य चन्द्रमा पासवान और किसान नेता और जिला कमेटी सदस्य कामता यादव शामिल रहे।

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