केरल विधानसभा और मोदी अडानी।

केरल विधानसभा ने पारित किया तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट को अडानी को बेचे जाने के खिलाफ प्रस्ताव

नई दिल्ली। सोमवार को केरल असेंबली ने एकमत से तिरुअनंतपुरम एयरपोर्ट को केंद्र सरकार द्वारा अडानी समूह को दिए जाने के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पास किया। इसके साथ ही इस प्रस्ताव में एयरपोर्ट के मैनेजमेंट को राज्य सरकार के स्पेशल पर्पज वेहिकल (एसपीवी) को दिये जाने की मांग की गयी है।

विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने कहा कि वह प्रस्ताव का समर्थन केरल के हितों को ध्यान में रखते हुए कर रहा है। लेकिन इसके साथ ही लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार पर उसने ऐसी लीगल कंसल्टेंसी फर्म के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर केरल के लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया जिसका अडानी के साथ नजदीकी रिश्ता है और जिसने इस नीलामी में हिस्सा भी लिया था।

भारतीय जनता पार्टी के अकेले विधायक ओ राजगोपाल ने मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। उनकी पार्टी ने 20 अगस्त को राज्य सरकार द्वारा बुलायी गई सभी दलों की बैठक में एयरपोर्ट की नीलामी का विरोध किया था।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि 19 अगस्त को केंद्र सरकार द्वारा एयरपोर्ट के मैनेजमेंट को अडानी इंटरप्राइजेज को दिए जाने का फैसला किसी भी रूप में न्यायोचित नहीं है। प्रस्ताव में केरला के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए केंद्र से अपने फैसले पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया गया है। क्योंकि राज्य सरकार और सभी राजनीतिक दलों की भी यही इच्छा है।

इस मौके पर बोलते हुए सदन में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि यूडीएफ प्रस्ताव की भावना का पूरा समर्थन करता है और केरला के लोगों के हित में इसका समर्थन कर रहा है। उन्होंने राज्य सरकार पर खुले तौर पर तो विरोध करने और अंदर ही अंदर साथ देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अडानी के नजदीकी वाली एक लीगल कंसल्टेंसी फर्म को चुनने के जरिये उसने केरल के लोगों के साथ विश्वासघात किया है। यह आपराधिक षड्यंत्र और हितों की टकराहट के दायरे में आता है।

चेन्निथला ने कहा कि यह सच्चाई है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए इस षड्यंत्र को अंजाम दिया गया।

आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लीगल कंसल्टेंट की राज्य द्वारा तय की गयी चीजों में शायद ही कोई भूमिका होती है। इसकी भूमिका केवल लीगल पक्ष तक ही सीमित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रमुख लीगल फर्म को हायर किया है और उन्होंने इस बात को साफ भी किया है कि उनके साथ किसी भी तरह की हितों की टकराहट का मामला नहीं है। उन्होंने चेन्निथला की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

स्पीकर पी श्रीरामकृष्णन ने घोषणा की कि प्रस्ताव एकमत से पारित हुआ।

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