मोदी सरकार के बजट में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने का लोक मोर्चा ने किया विरोध

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बदायूं। बजट में मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल, डीजल पर टैक्स बढ़ाने का लोक मोर्चा ने विरोध किया है। आज छह सड़का बदायूं  पर लोक मोर्चा के कार्यकर्ता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाने के प्रस्ताव की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज करने की कोशिश कर रहे थे तभी पुलिस प्रशासन ने हस्तक्षेप कर उसे रोक दिया। उसके बाद लोक मोर्चा के नेताओं ने वहीं सभी शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि संघ-भाजपा की मोदी सरकार जनता के ऊपर टैक्स का बोझ बढ़ा कर जनता को लूट रही है। जीएसटी  लाकर “एक देश, एक टैक्स” की बात करने वाले प्रधानमंत्री पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में क्यों नहीं लाते? केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर 30 से 40 रुपये प्रति लीटर टैक्स वसूल रही हैं। यह जनता के साथ धोखा है।

लोकमोर्चा के संयोजक अजीत सिंह यादव ने कहा कि अगर डीज़ल और पेट्रोल पर जीएसटी  लग जाए तो पेट्रोल और डीजल  40 रुपये प्रति लीटर बिकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का यह  तर्क कि खर्च चलाने के लिए पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त टैक्स जरूरी है  जनता के साथ धोखाधड़ी है। जनता पर भारी टैक्स लगाने वाली मोदी सरकार ने बड़े पूंजी घरानों पर लगाने वाला वेल्थ टैक्स हटा दिया है। जबकि दुनिया के सभी विकसित देश पूंजीपतियों से वेल्थ टैक्स वसूलते हैं। 

वक्ताओं ने सरकार से तत्काल पेट्रोल डीजल से टैक्स हटाने, पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाने, बड़े पूंजी घरानों पर वेल्थ टैक्स लगाने की मांग की। 

मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन द्वारा प्रस्ताव की प्रतियां न  जलाने देने को लोकतंत्र की हत्या बताया। जबकि सचाई ये है कि कार्यकर्ता सांकेतिक रूप से प्रस्ताव की प्रतियां जला कर विरोध जताने  की कोशिश कर रहे थे।  लोकतंत्र में विरोध जताने का हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है। 

कार्यक्रम में मोर्चा के संयोजक अजीत सिंह यादव के अलावा अनिल कुमार, डॉ सतीश कुमार, कृष्ण गोपाल गुप्ता, अनुपम, शादाब, आसिफ हुसैन, रामकिशन, राम रहीस, अनेशपाल  आदि मौजूद थे।

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