योगी और प्रियंका।

बिजली क्षेत्र बना योगी सरकार के लिए लूट का अड्डा: प्रियंका गांधी

दिल्ली/ लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक बार यूपी की योगी सरकार को निशाने पर लिया है। इस बार उनका मुद्दा बिजली की बढ़ती बिलें हैं। उन्होंने सूबे में बिजली के बिलों और मीटरों में जारी अनियमितताओं पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि बिजली का क्षेत्र सरकार के लिए लूट का अड्डा बन गया है। पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली के बढ़ते बिलों और बिजली मीटरों का आतंक व्याप्त है। पिछले कुछ वर्षों में बिजली दरों में व्यापक बढ़ोतरी हुई है। 

गांधी ने बयान में कहा कि पिछले आठ साल में ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 500 फीसदी, शहरी घरेलू बिजली की दरों में 84 फीसदी और किसानों को मिलने वाली बिजली की दरों में 126 फीसदी की वृद्धि हुई है। पूरे प्रदेश में बिजली के बढ़ते रेट से हाहाकार मचा हुआ है। 

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो बिजली मीटरों के लिए प्रयोगशाला बन गया है। बिजली के मीटर कई गुना तेज चलते पाए गए हैं। जिन घरों में ताले लगे हुए हैं, बिजली की कोई खपत नहीं हुई है, उन घरों में सात-आठ हजार रुपये तक का बिल आ रहा है। प्रदेश के कई जिलों में तो यह भी देखा गया कि बिना बिजली के मीटर लगे ही बिल आ गए। 

प्रियंका गांधी ने कहा कि जनता महंगाई की मार से त्रस्त है। छोटे कारोबारियों का व्यापार चौपट हो गया है। किसानों की फसलों की खरीद नहीं हो रही है, बाढ़, ओला एवं प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में उनकी कोई मदद नहीं होती, फसल बीमा योजना बड़ी कम्पनियों की कमाई का साधन बनकर रह गई – ऐसी स्थिति में बिजली के लगातार बढ़ रहे दाम, मीटरों की अनियमितताओं की मार उपभोक्ता अब नहीं सह सकते हैं। 

महासचिव ने कहा कि इस महामारी में होना तो यह चाहिए कि बिजली बिलों की दरों में बड़े पैमाने पर कमी करके जनता को राहत दी जाती। किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाते। बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली बिल भुगतान में रियायत मिलती।

वक्तव्य के अंत में उन्होंने मांग करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उप्र सरकार से यह माँग करती है कि 

1. किसानों को मिल रही बिजली का रेट तत्काल प्रभाव से हॉफ किया जाए।

2. बिजली मीटर घोटाले का सच सामने लाया जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। 

3. बुनकरों-दस्तकारों, छोटे लघु उद्योगों को बिजली भुगतान में रियायत दी जाए।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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