बस्तर: जनसुनवाई के बहाने जमीन हड़पने आए प्रशासनिक अमले पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

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जगदलपुर। बस्तर ब्लॉक के काकड़ीघाट चपका गांव में मेसर्स गोपाल स्पंज पॉवर प्लांट के सिलसिले में प्रशासन की ओर से जनसुनवाई आयोजित की गयी थी। जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। लेकिन जैसे ही ग्रामीणों को पता चला कि यह मजमा जमीन अधिग्रहण के लिए प्रशासन ने लगाया है। लोग आक्रोशित हो उठे और उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

इस मौके पर पहुंचे छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प बोर्ड के अध्यक्ष और विधायक चंदन कश्यप से लोग जमीन अधिग्रहण पर उनकी जब राय जाननी चाही तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। लेकिन प्रशासन के साथ उनकी मौजूदगी इस बात का सबूत थी कि वो जमीन अधिग्रहण के पक्ष में हैं। कई ग्रामीण यह खुलेआम कहते सुने गए कि विधायक बिक गया है। विधायक के इस रुख को देखते ही ग्रामीणों का उन पर गुस्सा फूट पड़ा। और लोगों ने उनके काफिले पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान ग्रामीणों ने विधायक और प्रशासनिक वाहनों को जमकर अपना निशाना बनाया। इससे संबंधित सामने आए वीडियो में पूरे कांड को देखा जा सकता है। जिसमें ग्रामीण खासे रोष में हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना के चलते जिले में धारा 144 लागू है। बावजूद इसके कारपोरेट के दबाव में प्रशासन ने इस मजमे को मंजूरी दी।

दरअसल ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए चपका गांव में प्रस्तावित मेसर्स गोपाल स्पंज पॉवर प्लांट के संबंध में जन सुनवाई बुलाई गई थी। इस जन सुनवाई में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। ये सभी इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं क्योंकि बस्तर संभाग पांचवीं अनुसची और पेसा एक्ट के तहत आता है और यहाँ यह सब कानून लागू होने के कारण ग्रामीणों ने लिखित में जवाब मांगा था। लेकिन जनसुनवाई में आए अधिकारी कोई जवाब नहीं दिए।

इस पर ग्रामीण भडक़ गए और फिर उन्होंने जनसुनवाई का विरोध करना शुरू कर दिया। नतीजतन उनका गुस्सा प्रशासनिक वाहनों पर फूटा। और उन्होंने जमकर पथराव कर उनमें तोड़ फोड़ कर दी। इसके अलावा अमले के जाने के बाद ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर चक्काजाम कर दिया।

फिलहाल, मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को रवाना कर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की जा रही है। जिले में धारा 144 लागू है। ऐसे में इस मौके पर इस जनसुनवाई का होना ही कई सवाल खड़े करता है। इस जनसुनवाई में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे। और पूरे प्रशासनिक अधिकारियों के बीच जन सुनवाई की गई। प्रशासनिक अमले द्वारा कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाने पर विपक्ष ने भी सवाल खड़े किए हैं।

(बस्तर से जनचौक संवाददाता रिकेश्वर राणा की रिपोर्ट।)

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