मध्य प्रदेशः ऑक्सीजन की कमी से 12 कोविड मरीजों की मौत

मध्य प्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर कम होने से 12 कोविड मरीजों की मौत हो गई। घटना कल शनिवार रात 12 बजे की है। ऑक्सीजन कम होते ही मरीज तड़पने लगे। कई मरीजों को ऑक्सीजन मास्क हाथ से दबाना पड़ा, मरीजों को लग रहा था कि शायद सही तरह से दबाने से ऑक्सीजन आ जाए। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने छह मौतों की पुष्टि की। इसके थोड़ी देर बाद ही अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने 12 मौतें होने की पुष्टि की।

घटना से अस्पताल में हड़कंप मच गया। ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था के लिए अफरा तफरी मच गई। मेडिकल प्रबंधन ऑक्सीजन की सप्लाई का प्रेशर बनाने के लिए सिलेंडरों की व्यवस्था में जुट गया। ऑक्सीजन की कमी वाले 12 मरीजों से पहले मेडिकल कॉलेज में ही कोरोना के 10 और मरीजों की मौत हो गई थी। इस तरह कल केवल शनिवार को 24 घंटे में शहडोल मेडिकल कॉलेज में कुल 22 कोरोना मरीजों की जान चली गई।

इससे पहले 15 अप्रैल को जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 5 मरीजों की मौत हो गई थी। सभी मरीज वेंटिलेटर पर थे। वहीं चार की हालत गंभीर हो गई थी।

घटना के पहले कल शनिवार को ही कमिश्नर राजीव शर्मा कोविड-19 सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने साफ-सफाई और बाकी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने की बात कही थी। निरीक्षण के दौरान उनके साथ मेडिकल के डीन के अलावा कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा समेत कई अधिकारी और चिकित्सक मौजूद थे।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सरकार की इस मामले में आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘अब शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद खबर? भोपाल , इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेंगी?

उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि शिवराज जी आप कब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आंकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज दम तोड़ रहे हैं? प्रदेश भर की यही स्थिति है, अधिकांश जगह ऑक्सीजन का भीषण संकट है? रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है। सिर्फ सरकार के बयानों और आंकड़ों में ही ऑक्सीजन और रेमडेसिविर उपलब्ध है, लेकिन यह अस्पतालों से गायब है? सरकार कागजी बैठकों से निकलकर मैदानी स्थिति संभाले, स्थिति बेहद विकट है।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments