636274133804027412

ईवीएम छेड़छाड़ मामला : संसदीय समिति करेगी जांच

जनचौक ब्यूरो

ईवीएम में गड़बड़ी और छेड़छाड़ के मसले को संसदीय समिति ने संज्ञान में ले लिया है। बहुत जल्द ही समिति चुनाव आयोग को बुलाकर इससे जुड़ी शिकायतों पर पूछताछ करेगी। साथ ही पैनल चुनाव सुधार के दूसरे पहलुओं पर भी विचार-विमर्श करेगा। इसके पहले यूपी समेत पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के बाद कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये थे। इस बीच मध्यप्रदेश के भिंड में जिला प्रशासन द्वारा ईवीएम ट्रायल के दौरान गड़बड़ी पाए जाने के बाद मामला और गर्मा गया था।

 

चुनाव आयोग की होगी पेशी

राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के उपनेता आनंद शर्मा के नेतृत्व वाली कार्मिक, सार्वजनिक शिकायत, कानून और न्याय से जुड़ी संसदीय समिति ने इस मुद्दे को अपने एजेंडे में ले लिया है। बताया जा रहा है कि बहुत जल्द ही इस मसले पर बातचीत करने के लिए चुनाव आयोग और कार्मिक और सार्वजनिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को बुलाया जाएगा। फिर उनसे ईवीएम में छेड़छाड़ से जुड़ी शिकायतों पर पूछताछ की जाएगी।

चुनाव सुधार भी एजेंडे में

पैनल से जुड़े एक शख्स ने अपना नाम न देने की शर्त पर इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि “हम अपने को केवल ईवीएम तक सीमित नहीं रखेंगे। पैनल पूरे चुनाव सुधार से जुड़े मसले पर विचार-विमर्श करेगा। इस तरह से पूरे मामले पर समग्रता में विचार किया जाएगा, जिसमें ईवीएम में वीवीपीएटी लगाने की मांग भी शामिल है। विभिन्न राज्यों से चुनाव में फंडिंग और ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर शिकायतें आ रही हैं।”

संसद में हुआ था हंगामा

शर्मा के नेतृत्व में गठित इस 31 सदस्यीय समिति में 21 सदस्य लोकसभा के हैं और 10 सदस्य राज्यसभा से हैं। इस मुद्दे पर संसद में बड़ा हंगामा हुआ था। नतीजे के तौर पर विपक्ष के दबाव में सरकार को राज्यसभा में बहस भी करानी पड़ी थी। एसपी, कांग्रेस, बीएसपी और आम आदमी पार्टी समेत पूरा विपक्ष इस मुद्दे पर एक था। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर इस मसले पर अपना ज्ञापन भी सौंपा था।

खुली चुनौती की पहल

पैनल के सूत्रों ने कहा कि इस साल के मानसून सत्र से पहले रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी। इस बीच बताया जा रहा है कि ईवीएम में छेड़छाड़ की शिकायतों से परेशान चुनाव आयोग बहुत जल्द ही इसको साबित करने के लिए किसी खुली चुनौती का ऐलान कर सकता है। ये एक दूसरी इस तरह की पहल होगी जब चुनाव आयोग ईवीएम की विश्वसनीयता को स्थापित करने के लिए इस तरह का कदम उठाएगा। इसके पहले जब 2009 में इसी तरह की आशंका जाहिर की गयी थी, तो चुनाव आयोग ने ऐसा ही कदम उठाया था।

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments