हिरासत में हत्या है स्टेन स्वामी की मौत!

मुम्बई। भीमा कोरेगांव केस में संदिग्ध रूप से आरोपी बनाकर जेल में डाले गए बुजुर्ग फादर स्टेन स्वामी का आज सोमवार दोपहर निधन हो गया। वह 84 साल के थे। आदिवासियों के अधिकारों के लिए समर्पित स्टेन स्वामी का स्वास्थ्य बेहद ख़राब था। जब उन्हें गिरफ्तार किया गया था, तब भी पार्किंसन के रोगी थे। जेल में उन्हें स्ट्रा व सिपर उपलब्ध न कराए जाने के आरोप भी लगे थे।मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जेल से मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दिए जाने की याचिका पर आज मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई थी। जिस तरह उन्हें जेल में डाला गया और जिस तरह उनके स्वास्थ्य व मानवाधिकारों की लगातार अनदेखी की गई, उस आधार पर यह मौत राजनीतिक विद्वेष के आधार पर सत्ताओं द्वारा की जाने वाली हत्याओं जैसा मामला कहा जा सकता है।

फादर स्टेन स्वामी के वकील ने मुंबई हाई कोर्ट को अपने मुवक्किल की मृत्यु की जानकारी दी जहाँ जमानत याचिका पर सुनवाई थी। फादर स्टेन स्वामी को जेल में आठ महीने तक लगातार स्वास्थ्य गिरते जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव केस में देश के विभिन्न बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन गिरफ्तारियों का दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ता विरोध करते रहे हैं और आरोपों को मनगढ़ंत व झूठे कहते रहे हैं।

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