रामराज्य में चुनावी धांधली उजागर करने वाले पत्रकार को सीडीओ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

रामराज्य में पत्रकारिता, भ्रष्टाचार और चुनावी धांधली पर रिपोर्टिंग करना, पाप है और उत्तर प्रदेश में इस पाप की सजा है सरेआम पिटाई। यही अपराध कल उन्नाव के मियागंज विकासखंड में टीवी पत्रकार कृष्णा तिवारी से हो गया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से ब्लॉक प्रमुख चुनाव में चल रही धांधलेबाजी का वीडियो बना लिया। फिर क्या था आईएएस रैंक के मुख्य विकास अधिकारी दिव्यांशु पटेल ने उन पर हमला बोल दिया।

पत्रकार अपना परिचय देता रहा। लेकिन मुख्य विकास अधिकारी के हाथ नहीं रुके। इसी बीच उसका साथ देने के लिए सफेदपोश भाजपा नेता भी मैदान में कूद गया और उसने भी पत्रकार की पिटाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अब जब कोई आईएसएस रैंक का अधिकारी किसी पत्रकार पर हाथ साफ कर रहा हो तो भला यूपी पुलिस के सिपाही क्या करते तमाशबीन बनने के सिवा। 

घटना के बाद साथ गए पत्रकारों में रोष व्याप्त है। इस संबंध में पीड़ित पत्रकार ने बताया है कि वह लगातार अपना परिचय देता रहा। जिला मुख्यालय पर मीटिंग के दौरान भी वह लगातार कवरेज करता रहा है। मुख्य विकास अधिकारी उसे अच्छी तरह पहचानते हैं। इसके बाद भी उन्होंने उन्हें पीटा। जिससे कई जगह चोटें भी आई हैं। धरने पर बैठे पत्रकार मुख्य विकास अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

घटना मियागंज विकासखंड की है जहां पत्रकार कृष्णा तिवारी समाचार कवरेज के लिए जिला मुख्यालय पहुंचे थे। गौरतलब है कि परसों राज्य में ब्लॉक प्रमुख पद के लिये मतदान हो रहा था। 

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने घटना के संदर्भ में ट्वीट करके सरकार और प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा है कि – “यूपी के सीएम साहब कहते हैं। गुंडे प्रदेश छोड़ चुके हैं, लेकिन उनके शासन का चमत्कार देखिए कि प्रशासन खुद गुंडई को उतर आया है और भाजपा के गुंडों के साथ मिलकर पत्रकारों को पीट रहे हैं। इन चुनावों में भाजपा सरकार की कलई खुल गई है पूरा जंगलराज है।”

समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से घटना का वीडियो साझा करते हुये कहा है -” उन्नाव में भाजपा नेताओं और प्रशासन की गुंडई का एक और शर्मसार कर देने वाला वीडियो आया सामने। सीडीओ ने ब्लॉक प्रमुख चुनाव में धांधली उजागर करने वाले पत्रकार को दौड़ा दौड़ा कर पीटा, घोर निंदनीय!दोषी अधिकारी के ख़िलाफ हो सख़्त एक्शन।” 

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