त्रिपुरा सांप्रदायिक हमले को कवर करने जा रही दो महिला पत्रकारों को असम पुलिस ने किया डिटेन

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सांप्रदायिक हमला मामले की ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिये त्रिपुरा जा रही दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा को असम पुलिस ने उनके होटल से डिटेन कर लिया है। यह गिरफ्तारी करीमगंज स्थित नीलम बाजार पुलिस स्टेशन से की गयी है। असम पुलिस का कहना है कि दोनों पत्रकारों के खिलाफ उनके राज्य में कोई केस नहीं है। उन्होंने यह काम त्रिपुरा पुलिस के निर्देश पर किया है। दरअसल वीएचपी के हवाले से उनके खिलाफ त्रिपुरा के फोटिक रॉय पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गयी थी। त्रिपुरा से असम सूचना जाने के बाद पुलिस ने दोनों पत्रकारों को उनके होटल में ही घेर लिया।

दोनों पत्रकार धर्मपुरा थानान्तर्गत स्थित होटल धर्मपुरा में रुकी हुयी हैं। वहां क़रीब 20 पुलिस कर्मियों ने उन्हें निकलने नहीं दिया। त्रिपुरा पुलिस कल रात से ही उनके होटल पर ही रुकी हुयी थी आज सुबह जब दोनों चेक आउट करने लगीं तो दोनों को डिटेन कर लिया गया।

स्वर्णा झा ने एफआईआर की कॉपी शेयर करते हुये अपने ट्वीट में लिखा है कि “कल रात फोटिक  रॉय पुलिस स्टेशन में मेरे और समृद्धि सकुनिया के ख़िलाफ़ विश्व हिंदू परिषद ने FIR दर्ज किया। IPC की तीन धारा 120 (B),153(A),504 के तहत FIR दर्ज़ किया गया है”। 

स्वर्णा झा ने दूसरे ट्वीट में लिखा है, “कल रात लगभग 10:30 PM बजे हमारे होटल के बाहर पुलिस आई, लेकिन उस समय उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की। सुबह 5:30 बजे के करीब जब हम चेकआउट करने गए तब पुलिस ने हमारे अगेंस्ट जो शिकायत हुई है उसके बारे में बताया और पूछताछ के लिए धर्मनगर पुलिस स्टेशन ले जाने को कहा।” 

पत्रकार समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा ने आरोप लगाया है कि पुलिस उनके होटल में आई और उन्हें डराया-धमकाया। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम उनसे पूछताछ करने गई थी। 

शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस की एक टीम उनसे पूछताछ करने गई थी। सूत्रों ने कहा कि दोनों पत्रकारों को अब तक न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही हिरासत में लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि इन दोनों से फर्जी न्यूज सर्कुलेशन मामले में पूछताछ हो सकती है। 

त्रिपुरा पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद की शिक़ायत के बाद त्रिपुरा में दो महिला पत्रकारों समृद्धि सकुनिया और स्वर्णा झा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया है। 

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को मामले पर पर्देदारी करते हुये कहा था कि त्रिपुरा में एक मस्जिद को नुकसान पहुंचाने और तोड़फोड़ के बारे में सोशल मीडिया पर प्रसारित ख़बरें फ़र्जी हैं और गलतबयानी की गई है। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा था कि त्रिपुरा में ऐसी किसी भी घटना में साधारण या गंभीर रूप से घायल होने अथवा बलात्कार या किसी व्यक्ति की मौत की कोई सूचना नहीं है जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया गया है। 

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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