कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बयान पर एसकेएम ने जताई हैरानी, कहा-लगता है सरकार ने तीन हफ्ते से हमारी चिट्ठी नहीं पढ़ी

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के उस बयान पर हैरानी व्यक्त की है जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी पर कमेटी गठित करने के लिए एसकेएम से दिए जाने वाले नामों का इंतजार कर रही है। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा ने 24 मार्च को ही अपना जवाब भेज दिया था जिसे 30 मार्च को दोबारा भेजा गया। इस विषय पर मोर्चा ने 1 अप्रैल को प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिस पर मीडिया में काफी चर्चा भी हुई थी।

संयुक्त किसान मोर्चा का कहना था कि वह एक बार फिर इन तथ्यों को जनता के सामने रखना चाहता है। 22 मार्च को एसकेएम समन्वय समिति के सदस्य युद्धवीर सिंह को तत्कालीन कृषि सचिव संजय अग्रवाल का फोन आया,जिसमें भारत सरकार द्वारा गठित समिति के लिए एसकेएम से दो से तीन नामों को आमंत्रित किया गया। लेकिन इस मौखिक संदेश से यह कुछ स्पष्ट नहीं हुआ कि इस समिति में और किन्हें शामिल किया जाएगा इसका काम (मैंडेट)और कार्यकाल क्या होगा और यह कैसे काम करेगी।

एसकेएम ने 24 मार्च को संजय अग्रवाल को ईमेल (25 मार्च को दोपहर 12:08 बजे) में निम्नलिखित स्पष्टीकरण का अनुरोध किया:

  1. इस समिति का टीओआर (Terms of Reference)क्या होगा?
  2. संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा और कौन से संगठन,व्यक्ति और पदाधिकारी इस समिति में शामिल होंगे?
  3. समिति का अध्यक्ष कौन होगा और इसकी कार्यप्रणाली क्या होगी?
  4. समिति को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए कितना समय मिलेगा?
  5. क्या समिति की सिफारिश सरकार के लिए बाध्यकारी होगी?

यह ईमेल 30 मार्च को फिर से भेजा गया। इस संबंध में कोई बहाना ना रहे इसलिए 1 अप्रैल को एसकेएम ने प्रेस के माध्यम से यह चिट्ठी सार्वजनिक कर दी। लेकिन,आज तीन सप्ताह बीतने के बाद भी मोर्चा को इन सवालों का कोई जवाब नहीं मिला है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि मंत्री से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द इन बिंदुओं पर सरकार का स्पष्टीकरण भेजें ताकि मोर्चा इस कमेटी में भाग लेने के बारे में फैसला कर सके। जानबूझकर इन सवालों का जवाब दिए बिना जनता में भ्रम फैलाना सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करता है। मोर्चा एक बार फिर स्पष्ट किया है कि जब तक वह इस समिति के स्वरूप और कार्यसूची से पूरी तरह अवगत नहीं होगा,तब तक ऐसी किसी समिति में भाग लेना सार्थक नहीं समझता।

जारीकर्ता-
डॉ दर्शन पाल, हन्नान मोल्ला, जगजीत सिंह दल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहन, शिवकुमार शर्मा (कक्का जी), युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments