प्रयागराज में एक ही परिवार के 5 लोगों की सामूहिक हत्या

प्रयागराज। प्रयागराज में एक ही परिवार के 5 लोगों की नृशंष हत्या कर दी गई। कल रात थरवई थाना क्षेत्र के खेवराजपुर चक काशीराम गांव में घर के अंदर घुसकर बदमाशों ने परिवार के मुखिया राजकुमार यादव समेत  5 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसके पूर्व 15 अप्रैल की रात नवाबगंज थाना क्षेत्र में एक ही परिवार के चार लोगों की बड़ी बेरहमी से हत्या करने के बाद घर के मुखिया राहुल तिवारी फांसी पर लटके हुए मिले थे। हालांकि पुलिस ने उसमें सुसाइड नोट के आधार पर ससुराल पक्ष के कुल 11 लोगों को जेल भेज दिया।

बेखौफ हत्यारों ने राजकुमार उनकी पत्नी, दिव्यांग बेटी, बहू और मासूम पोती पर वार करके सभी को मौत के घाट उतार दिया। यही नहीं हत्या के बाद बदमाशों ने घर में आग भी लगा दी। जिसके बाद सुबह घर से धुंआ निकलता देख पड़ोसियों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को अस्पताल भिजवाया। जबकि उसमें से चार मौके पर ही मर चुके थे। इस बात को लेकर गांव वालों और और परिवार के अन्य सदस्यों तथा रिश्तेदारों का पुलिस के प्रति काफी गुस्सा दिखाई पड़ा। उन लोगों ने जिलाधिकारी के सामने गुस्सा जाहिर करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए बिना परिवार के सदस्यों और उसके लड़के की मौजूदगी में ही लाश निकलवा कर पोस्टमार्टम में भेज दिया। यह पुलिस का अमानवीय कार्य है। लेकिन अधिकारियों की मानें तो वे यह समझ रहे थे कि एक बच्ची चूंकि घायल अवस्था में अभी जिंदा है हो सकता है अन्य लोग भी जिंदा हों और बच सकते हैं। हालांकि घायल अवस्था में जो 5 वर्षीय मृतक की पोती अस्पताल में भेजी गई वह भी रास्ते में ही मर गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।

थरवई थाना क्षेत्र में गारापुर से सिकन्दरा जाने वाली सड़क के किनारे राजकुमार यादव अपने परिवार के साथ रहते थे। जहां भोर के समय घर में घुसे बदमाशों ने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया।बदमाशों ने राजकुमार यादव उनकी पत्नी कुसुम देवी, बहू सविता, दिव्यांग बेटी मनीषा और मासूम पोती साक्षी की हत्या कर दी। परिजनों का आरोप है कि हत्या से पहले बदमाशों ने राजकुमार की बहू और बेटी के साथ गैंगरेप भी किया, क्योंकि मौके पर पहुंचे लोगों को दोनों महिलाओं के कपड़े अस्त-व्यस्त हालात में मिले थे।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भी ऐसी घटना प्रयागराज से सामने आई थी। जहां एक ही परिवार के 3 बच्चियों समेत 5 लोगों की हत्या कर दी गई थी। एक बार फिर ऐसे निर्मम हत्याकांड के सामने आने से कहीं न कहीं प्रयागराज पुलिस की कार्य प्रणाली पर उंगली उठ रही है।

मौके पर लोगों ने बताया कि राजकुमार का लड़का सुनील प्रयागराज शहर में छोटी सी दुकान लगाता है और वह शहर में रुक गया था जिसके कारण से वह बच गया वरना बदमाशों के द्वारा की गई हत्या का शिकार वह भी हो जाता। राजकुमार यादव खेती और पशुओं की खरीद बिक्री से गुजारा करता था। जिस परिवार की हत्‍या की गई है उसका मुखिया खेती और पशुओं की खरीद बिक्री करके परिवार का भरण पोषण करता था। शुक्रवार रात सभी घर में सो रहे थे। जबकि बेटा प्रयागराज शहर में था। इसी बीच रात को बदमाशों ने घर में घुसकर पांच लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी मात्र एक 3 वर्ष की बच्ची ही बच गई है बेटा प्रयागराज शहर में था इसलिए वह भी बच गया।

मृतकों में राजकुमार यादव पुत्र राम अवतार, उम्र 55 वर्ष; कुसुम यादव पत्नी राजकुमार, उम्र 50 वर्ष; मनीषा यादव पुत्री राजकुमार, उम्र 25 वर्ष; सविता यादव पत्नी सुनील, उम्र 30 वर्ष तथा मीनाक्षी पुत्री सुनील, उम्र 2 वर्ष शामिल हैं।

इस हत्याकांड में परिवार और गांव वालों ने पुलिस की कार्यप्रणाली के प्रति आक्रोश देखने को मिला उनका कहना है कि बिना परिवार के मौजूदगी में यहां से लाश पुलिस क्यों उठा ले गई। साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस केवल हाईवे पर वसूली में मस्त रहती है क्षेत्र में गश्त नहीं करती बल्कि कुछ उसके अड्डे हैं जहां बैठ कर के लेन-देन का जुगाड़ करती रहती है जिसके कारण से इस क्षेत्र में आए दिन कुछ न कुछ घटनाएं होती रहती हैं।

थरवई के थानाध्यक्ष योगेश कुमार सिंह का बृहस्पतिवार की रात में स्थानांतरण अतरसुइया के लिए हो गया था। वह कल ही शाम को अतरसुइया जाकर कार्यभार ग्रहण करने वाले थे लेकिन शुक्रवार की ही रात में यह घटना हो गई जिसके कारण से इस मामले में उन्हें पुनः यहां लगाया गया है। दरअसल  योगेश कुमार का स्थानांतरण तो किया गया था लेकिन किसी की नियुक्ति नहीं हुई थी।

पुलिस के आला अधिकारी इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि उनकी किसी से गांव में रंजिश थी अथवा शुद्ध रूप से किसी बाहरी गिरोह बदमाशों ने ऐसा जघन्य कांड किया है हालांकि पुलिस का यह कहना है कि लूटपाट नहीं हुई है और बलात्कार होने की भी पुष्टि नहीं करते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि बदमाश लूट के लिए नहीं आए थे बलात्कार नहीं किए और गांव में किसी से रंजिश नहीं थी तो फिर राजकुमार के पूरे परिवार का सफाया क्यों किया। इस अनुत्तरित प्रश्न का जवाब देने के लिए पुलिस बहुत गहराई से जांच में लगी है। हालांकि एसएसपी का कहना है कि इस हत्या कांड के बहुत से तथ्य पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद प्रकाश में आने की संभावना है। उन्होंने दावा किया है कि इस मामले का शीघ्र ही पर्दाफाश होगा और इसके लिए सात अलग-अलग टीमें लगाई गई हैं।

भाकपा माले का 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल घटनास्थल पर पहुंचा। इसमें माले जिला प्रभारी सुनील मौर्य, राज्य कमेटी सदस्य डॉक्टर कमल उसरी, आइसा के राष्ट्रीय सचिव शैलेश पासवान, राज्य उपाध्यक्ष व इलाहाबाद विश्वविद्यालय के आइसा सचिव मनीष कुमार, इफको ठेका मजदूर संघ फूलपुर के अध्यक्ष जयप्रकाश शामिल रहे।
उक्त घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए प्रतिनिधिमंडल में शामिल भाकपा माले के जिला प्रभारी सुनील मौर्य ने कहा कि गोहरी, नवाबगंज के खागलपुर के बाद यह तीसरी बड़ी घटना है। इसके पूर्व भी कई घटनाएं इस क्षेत्र में हुई। इलाहाबाद में लोगों की हत्या और नौजवानों की आत्महत्या का सिलसिला रुकने के बजाय लगातार बढ़ रहा है। सरकार जितना भी दावा करे कानून व्यवस्था ध्वस्त है। भाकपा माले ने इन हत्याओं पर तत्काल रोक लगाने व हत्या के जिम्मेदार दोषियों को दंडित करने की मांग किया है।

(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)

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