वर्धा विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे शोध छात्र पर कातिलाना हमला

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वर्धा। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में संघ-सांप्रदायिक शक्तियों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि वे आंदोलन करने वाले छात्रों पर कातिलाना हमला कर रहे हैं। ये सब विश्वविद्यालय प्रशासन की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है। ताजा मामला एक दलित शोध छात्र की है, जो अपने पीएचडी शोध प्रबंध के मूल्यांकन की मांग को लेकर धरना पर बैठे हैं, और रात के अंधेरे में उनपर हमला किया जाता है। आश्चर्य की बात यह है कि रात के समय विश्वविद्यालय परिसर के सारे गेट बंद होते हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि गुंडा तत्व परिसर में प्रवेश कैसे किए?

सूचना के मुताबिक दलित शोध छात्र रजनीश कुमार अंबेडकर और उनके साथियों पर भगवा गुंडों ने रात को कायराना हमला किया। देर रात करीब 2 दर्जन भगवा गुंडे आंदोलन स्थल पर आए और जय श्रीराम का नारा लगाते हुए आंदोलनकारी छात्रों पर टूट पड़े। जबकि रात में विश्वविद्यालय कैंपस के सभी गेट बंद रहते हैं और वहां पर सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के इशारे पर ही आंदोलनकारी छात्रों पर गुंडों से हमला कराया गया है।

पिछले 5 दिनों से महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के प्रशासनिक भवन के समक्ष दलित शोध छात्र रजनीश कुमार अंबेडकर अपने पीएचडी शोध प्रबंध के मूल्यांकन की मांग को लेकर धरना पर बैठे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार रजनीश की मांगों को अनदेखा कर रहा है। धरने के 5 दिन गुजर जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया है।

31 मार्च की रात को दर्जनों भगवा गुंडों ने रजनीश कुमार अंबेडकर और उनके साथ धरने पर बैठे 4-5 अन्य छात्रों-शोधार्थियों पर हमला कर दिया। उनके साथ मारपीट किया गया। उन्हें भद्दी -भद्दी और जातिसूचक गालियां दी गई। इस घटना का आंदोलनकारी छात्रों द्वारा फोटो खींचने और वीडियो बनाने का प्रयास किया गया तो उसे भी भगवा गुंडों ने रोक दिया और कुछ बनाए गए वीडियो को डिलीट भी कर दिया गया। आंदोलनकारी छात्रों द्वारा बनाया गया घटना का एक वीडियो संलग्न है।

अपनी वाजिब मांगों और जातिगत भेदभाव के खिलाफ आंदोलनरत दलित शोधार्थी और उनके साथियों पर भगवा गुंडों द्वारा किया गया यह कायराना हमला अत्यंत ही निंदनीय है।

रजनीश कुमार अंबेडकर सहित उनके सहयोगी छात्रों की जान को खतरा है। केंद्र और राज्य की सरकार तत्काल इस मामले को संज्ञान में ले और सभी हमलावरों को गिरफ्तार कर तत्काल उन पर जानलेवा हमले की धारा 307 के अंतर्गत स्पीडी ट्रायल चलाकर कार्यवाही करें। इस हमले के सूत्रधार की भी शिनाख्त की जाए और उन पर भी कठोर कार्रवाई की जाए। सरकार दलित शोधार्थी एवं उनके साथियों की सुरक्षा की गारंटी करे और रजनीश कुमार अंबेडकर के शोध प्रबंध का तत्काल मूल्यांकन का निर्देश जारी करे।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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