कर्नाटक चुनाव : अब भाजपा के पास सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा

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नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 10 अप्रैल को मतदान होगा। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस की रैलियों में उमड़ रही भीड़ को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह सत्तारूढ़ भाजपा से आगे चल रही है। कई सर्वेक्षणों में भी कांग्रेस के आगे होने की खबर है। सत्तारूढ़ भाजपा दलित-मुस्लिम आरक्षण में छेड़-छाड़ करके यह सोच रही थी वह दोबारा सत्ता में आ जायेगी। लेकिन अब उसे आभास हो रहा है कि राज्य में उसका जमीनी आधार खिसक चुका है।

हार को निकट आते देख राज्य में भाजपा बदहवास स्थिति में पहुंच गई है। भाजपा के राज्य स्तरीय बड़े नेताओं की तो बात ही छोड़ दीजिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक कांग्रेस पर स्तरहीन आरोप लगाने लगे हैं। भाजपा अब चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने में लग गई है। पीएम मोदी कांग्रेस पर आतंकवादियों के तुष्टिकरण का आरोप लगा रहे हैं।

भाजपा ने पहले ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया। पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने हिजाब और हलाल को गैर-जरूरी मुद्दा बताकर मतदाताओं को भ्रम में रखने की कोशिश की। लेकिन चुनाव के नजदीक आते-आते समूची भाजपा अपने पुराने सांप्रदायिक रंग में रंग गई है।

भाजपा नेताओं की बदजुबानी भी बढ़ गई है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस नेता बहुत संभलकर औऱ संयम के साथ बयान दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी की तुलना सांप से की तो उनके विधायक बेटे, प्रियांक खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी को नालायक बेटा कहा। लेकिन दोनों नेताओं ने अपने बयान को वापस लेते हुए माफी मांग ली। लेकिन कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करके भाजपा की मुंह मांगी मुराद पूरी कर दी। अब भाजपा कांग्रेस को राम विरोधी, हनुमान विरोधी औऱ हिंदू विरोधी बताने में लग गई है।

कर्नाटक चुनाव अभियान में मंगलवार को पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का “आतंकवाद और आतंकवादियों के तुष्टिकरण का इतिहास” रहा है और दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में आतंकवादियों की मौत की सूचना पर कांग्रेस के “सबसे बड़े नेता” की “आंखों में आंसू” आ गए थे।

उन्होंने कहा, ‘पहले उन्होंने (कांग्रेस) भगवान राम को बंद किया और अब उन्होंने जय बजरंग बली का नारा लगाने वालों को बंद करने की कसम खाई है। यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस को भगवान राम से दिक्कत थी और अब उसे बजरंगबली की जय बोलने वालों से दिक्कत है।

कांग्रेस ने बजरंग दल के अराजक तत्वों का हनुमान से तुलना करने पर हनुमान का अपमान बताते हुए पीएम मोदी से माफी मांगने की मांग की है।

कांग्रेस के वादे

कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया है कि अगर पार्टी चुनाव जीतती है और राज्य में अगली सरकार बनाती है तो राज्य के प्रत्येक वर्ग औऱ क्षेत्र पर ध्यान दिया जायेगा। कांग्रेस ने मुख्य रूप से पांच चुनावी वादे किए हैं। जिसमें कर्नाटक के प्रत्येक घर को 200 यूनिट मुफ्त बिजली, प्रत्येक परिवार की एक महिला को 2,000 रुपये मासिक, राज्य की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा, प्रत्येक स्नातक युवा के लिए 3,000 रुपये और प्रत्येक डिप्लोमा धारक के लिए दो साल के लिए 1,500 रुपये शामिल हैं। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलो मुफ्त चावल।

भाजपा के वादे

भाजपा ने अपने घोषणापत्र में सत्ता में बने रहने पर प्रत्येक बीपीएल कार्ड धारक परिवार को 500 मिली मुफ्त नंदिनी दूध देने का वादा किया है। नंदिनी टोंड दूध की कीमत 20 रुपये लीटर है। कर्नाटक खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, राज्य में 3,97,80,053 आश्रित परिवार के सदस्यों के साथ प्राथमिकता वाले घरेलू (पीएचएच) बीपीएल राशन कार्ड वाले 1,17,33,766 करोड़ परिवार हैं। ये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत पंजीकृत हैं। भाजपा के घोषणापत्र में एक और वादा है कि हर साल उगादी, गणेश चतुर्थी और दीपावली पर बीपीएल परिवारों को तीन मुफ्त एलपीजी सिलेंडर दिए जाएंगे।

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