हरियाणा के सोनीपत में आगामी अंडर-15 और अंडर-20 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के लिए ट्रायल चल रहा है। यह ट्रायल भारतीय खेल प्राधिकरण ने आयोजित किया है। यह ट्रायल पहले भी होता रहा है। लेकिन इस बार जो सबसे बड़ा अंतर है, वह यह कि वर्षों बाद इस ट्रायल में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख और यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सासंद बृजभूषण सिंह वहां मौजूद नहीं हैं।
ट्रायल में शामिल पहलवानों ने नाम न छापने की शर्त पर द इंडियन एक्सप्रेस के संवाददाता से कहा कि यहां बृजभूषण सिंह के न रहने से वे बहुत अधिक स्वतंत्र’ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि वे उनकी निगरानी के बिना इस ट्रायल में हिस्सेदारी कर रहे हैं। पहलवानों ने यह भी कहा कि वे ट्रायल और चयन को लेकर बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अधिक उत्साहित हैं और बिना किसी दबाव के भाग ले सकते हैं। पहले अध्यक्ष (सिंह) माइक पर लगातार निर्देश देते और हमारी लय को बाधित करते थे। हम उनके आसपास न होने से शांत महसूस कर रहे हैं।’ हालांकि कुछ पहलवानों ने बृजभूषण का समर्थन भी किया।
एक दशक से भी अधिक समय से बृजभूषण इन आयोजनों में एक हमेशा उपस्थिति रहते थे। वे एक सोफे पर बैठे रहते थे। उनके हाथ में एक माइक होता था, वे लगातार निर्देश देते रहते थे। पूरे आयोजन का प्रबंधन और नियंत्रण करते थे। जब महिला पहलवानों ने उनके ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, उसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ चयन प्रक्रिया को तदर्थ समिति को सौंप दिया है और बृजभूषण को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है।
बृजभूषण को बाहर करने और तदर्थ समिति द्वारा चयन प्रक्रिया को अपने हाथ में लेने के बाद इस बार पहले की तुलना में बड़ी संख्या में पहलवान चयन प्रक्रिया में हिस्सेदारी कर ले रहे हैं। इस ट्रायल में हिस्सेदारी के लिए 2400 पहलवानों ने आवेदन किया है। पहले दिन 550 पंजीकरण हुए हैं।
अधिकांश पहलवान महिलाओं के विरोध प्रदर्शन और बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन बृजभूषण की अनुपस्थिति और तदर्थ समिति के तहत चल रहे ट्रायल के चलते राहत की भावना महसूस कर रहे हैं।
तदर्थ समिति के सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ‘“हम सभी होनहार पहलवानों को भाग लेने का मौका देना चाहते थे। चूंकि हमने इसे खोल दिया है, इसलिए हम नई प्रतिभाओं को उभरता हुआ देख रहे हैं। अब कोई शिकायत नहीं कर सकता कि चयन में पक्षपात हुआ क्योंकि हम खिलाड़ियों को नहीं जानते। पहले हमें थोड़ा डर था कि क्या हम ट्रायल में सफल हो सकते हैं लेकिन हमने इसे 10 दिन पहले एक अन्य इवेंट के लिए किया। इस बार हम आश्वस्त हैं, यह आयोजन सफल होगा।”
एक 17 वर्षीय पहलवान ने कहा ‘मेरी मां मुझसे इस बारे में बात करती हैं और हम पहलवानों का साथ देते हैं। हम उनके साथ हैं और जो कुछ भी हुआ वह बेहद गलत था।’
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