पुस्तक समीक्षा: हम क्यों पढ़ें ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’?
“दुनिया ने तजुरबात-ओ-हवादिस की शक्ल में, जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूं मैं।” ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’ : बेगुनाही साबित करने के [more…]
“दुनिया ने तजुरबात-ओ-हवादिस की शक्ल में, जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूं मैं।” ‘आतंकवादी का फ़र्ज़ी ठप्पा’ : बेगुनाही साबित करने के [more…]
कोरोना की महामारी के चलते पूरे देश को लॉकडाउन में जाना पड़ा। लोगों को अपने घरों तक सिमट जाना पड़ा। लेकिन इस दौरान भी, कुछ [more…]