बांग्ला दलित साहित्य का शब्दकोश: डॉ. सुरजीत कुमार सिंह
“तुम जितनी ही सीख लो धनुर्विद्या, अर्जुन सदा तुम्हारा अगूंठा काटता ही रहेगा। क्योंकि उसके सिर पर एकाधिक, द्रोणाचार्यों के वरद हस्त हैं”।। — ‘लंतराई [more…]
“तुम जितनी ही सीख लो धनुर्विद्या, अर्जुन सदा तुम्हारा अगूंठा काटता ही रहेगा। क्योंकि उसके सिर पर एकाधिक, द्रोणाचार्यों के वरद हस्त हैं”।। — ‘लंतराई [more…]