डॉ. सुरजीत कुमार सिंह
संस्कृति-समाज
बांग्ला दलित साहित्य का शब्दकोश: डॉ. सुरजीत कुमार सिंह
“तुम जितनी ही सीख लो धनुर्विद्या,
अर्जुन सदा तुम्हारा अगूंठा काटता ही रहेगा।
क्योंकि उसके सिर पर एकाधिक,
द्रोणाचार्यों के वरद हस्त हैं”।।
-- ‘लंतराई के एकलव्य’ पूर्वोत्तर के कवि विजय देववर्मा की कविता की लाइनें
(इसी पुस्तक के पृष्ठ 126 से)।
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