जामिया मिलिया इस्लामिया में कश्मीरी छात्रा से मारपीट, सुरक्षाकर्मी खड़े होकर देखते रहे तमाशा

नई दिल्ली। रविवार की रात (27 अप्रैल 2025) को लगभग 9:30 बजे, जामिया मिलिया इस्लामिया की एक युवा कश्मीरी छात्रा के साथ जामिया परिसर के गेट नंबर 8 के बाहर मारपीट की गई। चौंकाने वाली बात यह है कि यह घटना सुरक्षा कर्मचारियों की मौजूदगी में हुई, जो वहां खड़े होकर तमाशा देखते रहे और कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं, उन्होंने अपराधी को बिना रोक-टोक के परिसर में प्रवेश करने दिया। इस घटना से छात्रा बुरी तरह घबरा गई और मानसिक रूप से परेशान हो गई।

यह घटना पिछले महीने हॉल ऑफ गर्ल्स रेजीडेंस में हुई एक अन्य बड़ी सुरक्षा चूक के बाद सामने आई है। यह अत्यंत भयावह है कि भारी सैन्य सुरक्षा वाले क्षेत्र होने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन बार-बार छात्रों और परिसर समुदाय के अन्य सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी जिम्मेदारी में पूरी तरह विफल रहा है।

इसके विपरीत, छात्रों को हर बार गेट पर आईडी जांच के लिए परेशान किया जाता है और उनके साथ अत्यधिक संदेहपूर्ण व्यवहार किया जाता है। एक के बाद एक घटनाओं ने परिसर में महिला छात्रों की सुरक्षा के मामले में भयावह स्थिति को उजागर किया है। प्रशासन न केवल ऐसी घटनाओं को रोकने में असफल रहा है, बल्कि अपनी जिम्मेदारियों से भी मुंह मोड़ रहा है और इन घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित व प्रभावी कार्रवाई करने में लापरवाही बरत रहा है। उनकी उदासीनता और निष्क्रियता विश्वविद्यालय परिसर में एक ऐसा माहौल बनाती है, जो अपराधियों को दंड से मुक्ति को बढ़ावा देता है और इस तरह के उत्पीड़न व उल्लंघन के लिए जगह बनाता है।

यह भयावह घटना ऐसे समय में हुई है, जब देश भर में कश्मीरी और मुस्लिम छात्रों को बढ़ती धमकियों, उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। यह स्पष्ट है कि प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था का उपयोग परिसर में असंतुष्ट छात्र गतिविधियों की निगरानी और दमन के लिए किया जा रहा है, न कि छात्रों की सुरक्षा और भलाई के लिए।

AISA जामिया पीड़ित छात्रा और परिसर के सभी हाशिए पर पड़े छात्रों, विशेष रूप से महिलाओं के साथ अटूट एकजुटता में खड़ा है, जो सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ती अनिश्चितता और असुरक्षा का सामना कर रही हैं। हम इस घटना की तत्काल और पारदर्शी जांच, अपराधी के खिलाफ कठोर कार्रवाई और कार्रवाई करने में विफल रहे सुरक्षा कर्मचारियों को जवाबदेह ठहराने की मांग करते हैं। सुरक्षा एक अधिकार है, विशेषाधिकार नहीं। इसलिए, हम मांग करते हैं कि प्रशासन महिला छात्रों के लिए एक सुरक्षित और सक्षम वातावरण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करे।

(आइसा की प्रेस विज्ञप्ति)

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