बिहार विधानसभा परिसर में शराब की खाली बोतलें बरामद होने से नीतीश कुमार सरकार की चौतरफा फ़जीहत हो रही है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा है कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। यहां कल ही शपथ ली गई थी।
बता दें कि कल सोमवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री समेत अन्य लोगों ने शराबबंदी की शपथ ली थी। ऐसे में विस परिसर में शराब की खाली बोतलें मिलना कई सवाल खड़े करता है। वह भी उस स्थिति में जबकि सत्र चल रहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। ऐसे में बाइक पार्किंग एरिया में कचरे में शराब की कई खाली बोतलें फेंकी हुई थीं।
बिहार विधानसभा में मामले को उठाते हुये राजद अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में कथित शराब बंदी है जिसके कारण राज्य में 20 हज़ार करोड़ से अधिक की समानांतर अवैध अर्थव्यवस्था चल रही है। प्रशासनिक अराजकता के कारण चहुँओर अव्यवस्था, तस्करी और भ्रष्टाचार चरम पर है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुये कहा कि मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले ही बड़ी समीक्षा की थी, उसका परिणाम यही निकला कि विस परिसर में शराब की कई बोतलें मिलीं। यह पूरी तरह से सीएम नीतीश कुमार की विफलता है। शपथ ग्रहण बिल्कुल नौटंकी है। यदि प्रशासन के लोग मिले नहीं हैं तो यहां कैसे बोतलें आ गईं। आखिरकार गृह मंत्री कहां सोए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब सीएम की गाड़ी चलती है तो एक किलोमीटर दूर तक गाड़ियां रोक दी जाती हैं। लेकिन जहां वे बैठते हैं वहां 50 से 100 मीटर की दूरी पर बोतलें मिलती हैं तो क्या समझा जाए। होम मिनिस्टर तो सीएम खुद हैं। पुलिस भी उन्हीं के अंदर है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई जवाब नहीं देगी। कहेगी कि यह विपक्ष की साजिश है। हम न बनावटी हैं न मिलावटी हैं। शराब माफिया के साथ सीएम की तस्वीर भी हमने देखी है। भ्रष्टाचार, शराब, अपराध की छूट है।
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि सीएम के चैंबर से महज सौ मीटर की दूरी पर शराब की बोतलें कैसे मिल गईं। जहां बैठे हैं, वहीं शराब की बोतलें मिल रही हैं। सीएम को खुद आकर देखना चाहिए। वरना बाद में वे कहेंगे कि हमने तो देखा ही नहीं। पानी की बोतलें होंगी। तेजस्वी ने कहा कि यहीं पर शराबबंदी का संकल्प लिया गया था। अब तो शराबबंदी का रियल पिक्चर सामने आ गया है।
विधानसभा परिसर में शराब की बोतलें मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, ”इस चीज़ को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हम मुख्य सचिव और DGP को इस पर कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। अगर यहां शराब की बोतल आई है तो इसका मतलब कोई गड़बड़ कर रहा है और उसको छोड़ना नहीं चाहिए।
नीतीश कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि शराब को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ डालेंगे तो हम नहीं पढ़ेंगे। चिट्ठी जब मिल जाए तब हम पढ़ेंगे। इस पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हम खुद देख कर आएं हैं। डिजिटल जमाना है आपको टैग कर दिया जाता है।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि बिहार विधानसभा परिसर में शराब ही शराब। यह अति है। मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश जी को अब एक सेकेंड भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री कल इसी परिसर में NDA के विधायकों को संकल्प दिला रहे थे। जो विधायक उनसे शराबबंदी की विफलता पर सवाल कर रहे थे उन्हें वो डाँट रहे थे।
वहीं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी हाथ में पोस्टर लेकर विरोध मार्च में शामिल हुयीं। उनके पोस्टर में शराब की बोतलें और जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद बिलखते परिजनों की तस्वीरें थीं।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)
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