काठमांडू। नेपाल के राजनीतिज्ञ भारत सरकार और यहां के राजनेताओं पर नेपाल को अस्थिर करने और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप तो लगाते ही रहे हैं। लेकिन ताजा घटनाक्रम में नेपाल की एक संसदीय समिति ने भारतीय अधिकारियों पर नेपाली महिलाओं की तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया है। नेपाल का भारत पर यह आरोप गंभीर है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लोग नेपाली महिलाओं की तस्करी में शामिल हैं।
नेपाल को भी नहीं बख्शा है संसदीय पैनेल ने
हालांकि नेपाली संसद के एक संसदीय पैनेल की रिपोर्ट में नेपाल को भी नहीं बख्शा गया है। इस काम में उसके सरकारी अमले के भी शामिल होने की बात कही गयी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नेपाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आव्रजन अधिकारियों का तस्करों के साथ रिश्ता होने की आशंका है। इन तस्करों के जरिये गरीब और अशिक्षित नेपाली महिलाओं को अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध तरीके से खाड़ी के देशों में भेजा जाता है जहां उनका न केवल आर्थिक शोषण होता है बल्कि उनके साथ हिंसा और बलात्कार की घटनाएं भी होती हैं।
वैश्विक स्तर पर मानव तस्करों के लिए भारत, पाकिस्तान,बांग्लादेश और हिमालयन देश स्वर्ग माना जाता है। इसका सीधा कारण यह है कि इस क्षेत्र में गरीबी और अशिक्षा के साथ ही बेरोजगारी चरम पर है। ऐसे में गरीब लोग तसकरों के लालच में आसानी से फंस जाते हैं।
आपको बता दें कि 2 करोड़ 90 लाख आबादी वाले नेपाल की एक बड़ी संख्या प्रवासी मजदूरों के तौर पर खाड़ी देशों में रहती है। साथ ही मलेशिया और दक्षिण कोरिया में प्रवासी मजदूर नेपालियों के साथ मिलकर नेपाल की जीडीपी के एक चैथाई हिस्से का निर्माण करते हैं।
शोषण और उत्पीड़न की शिकार हैं नेपाली महिलाएं
हालांकि तस्करों द्वारा नेपाली महिलाओं को नौकरी देने के बहाने उनके शोषण और उत्पीड़न की रिपोर्टें हैं। माना जाता है कि खाड़ी में उन्हें कम पैसे पर रखा जाता है या फिर उनसे जबरन काम लिया जाता है। कई जगहों पर तो मालिक उनका शारीरिक और यौन शोषण करते हैं। इन्हीं सब हालातों को देखते हुए नेपाल में खाड़ी देशों की यात्रा करने वाली महिलाओं के हवाई अड्डे से बाहर जाने से पहले कड़ी छानबीन की जाती है।
संसदीय पैनेल के अध्यक्ष और सांसद प्रभु शाह ने इसकी जांच के लिए खाड़ी देशों का दौरा किया। उन्होंने पाया कि बहुत सारी महिलाओं की अभी भी अंतरराष्ट्रीय हवाइ अड्डे से अवैध तरीके से तस्करी जारी है।
भारत,बांग्लादेश और श्रीलंका के रास्ते जाती हैं आधी से ज्यादा महिलाएं
उन्होंने कहा कि “ हमने जितनी महिलाओं से मुलाकात की उसमें तकरीबन आधी महिलाएं ऐसी थीं जिन्हें काठमांडू हवाई अड्डे से मध्य पूर्व भेजा गया। उन महिलाओं का कहना था कि अधिकारियों ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की। बाकी आधी महिलाएं भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के रास्ते खाड़ी पहुंचायी गई थीं।”
शाह ने कहा कि “आव्रजन अधिकारियों की जानकारी के बगैर इतनी महिलाओं को हवाई अड्डे से बाहर निकालना संभव ही नहीं है। सरकार को जरूर इस मामले की जांच करनी चाहिए। हमारी महिलाएं वहां बहुत बुरी स्थितियों में रह रही हैं।”
शाह ने ये बातें सऊदी अरब, कुवैत, कतर और यूएई के दौरे से लौटने के बाद कही। उनके साथ सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल भी गया था। प्रतिनिधिमंडल ने 500 नेपाली कामगारों से मुलाकात की जिसमें ज्यादातर महिलाएं थीं। ये ऐसी महिलाएं थी जो अपने मालिकों के चंगुल से किसी तरीके से भागकर पनाह ली थीं।
नौकरी का लालच
उन्होंने बताया कि तस्कर महिलाओं को पहले अच्छी नौकरी देने का लालच देते हैं और फिर वर्किंग वीजा की जगह पर्यटन वीजा पर ले जाकर 3 लाख रुपये प्रति महिला के हिसाब से मेड के तौर पर मालिक को बेंच देते हैं। उनसे न केवल ज्यादा काम लिया जाता है बल्कि पिटाई के साथ उनका बलात्कार भी किया जाता है। ज्यादातर को मजदूरी भी नहीं मिलती।
साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत सारी पीड़ित महिलाएं भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के रास्ते खाड़ी के देशों में भेजी जा रही हैं।
आव्रजन विभाग के अधिकारी गंगा राम गेलाल का कहना है कि काठमांडू हवाई अड्डे के अधिकारियों को मध्य पूर्व के देशों में जाने वाली महिलाओं की छानबीन करने का निर्देश है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी गलत पाया जाएगा उसे सजा मिलेगी।
यह रिपोर्ट ऐसे समय खबरों की सुर्खियों में है जब भारत और नेपाल के बीच नए सिरे से दोस्ताना संबंध बनाने की बातचीत चल रही है।
(साभारः थामसन रायटर्स फाउंडेशन)
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