नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च ने गुरुवार को कहा है कि अगर अडानी समूह अमेरिका में कोई मुकदमा दायर करता है तो वह कानूनी खोज की प्रक्रिया में उससे दस्तावेजों की मांग करेगा। आप को बता दें कि अमेरिका आधारित शार्ट सेलर फर्म ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर गलत तरीके से ऑफशोर टैक्स हैवन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इसके अलावा कंपनी पर उसने वित्तीय लेन-देन और स्टॉक एक्सचेंज में फ्राड का आरोप लगाया है। ट्विटर पर प्रकाशित अपने एक बयान में हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि “अगर अडानी गंभीर हैं तो उन्हें अमेरिका में भी एक मुकदमा करना चाहिए जहां हम काम करते हैं। हमारे पास दस्तावेजों की एक लंबी सूची है एक कानूनी खोज की प्रक्रिया में जिसकी हम मांग करेंगे।”
अडानी समूह के इस बयान कि इसके वैकल्पिक और दंडात्मक कार्रवाई के तमाम पहलुओं पर वह विचार कर रहा है, के बाद हिंडनबर्ग ने कहा कि “हम पूरी तरह से अपनी रिपोर्ट पर कायम हैं। हमारे खिलाफ कोई भी कार्रवाई बेकार जाएगी।”
गुरुवार को अपने बयान में रिसर्च फर्म ने कहा कि पिछले 36 घंटों में हमारी रिपोर्ट में उठाए गए सवालों पर अडानी समूह कोई ठोस मुद्दा उठाने में नाकाम रहा। रिसर्च फर्म ने ट्विवटर पर आगे कहा कि रिपोर्ट के अंत में हमने 88 सवालों को उठाने के जरिये कंपनी को और पारदर्शी तरीके से सामने आने का मौका दिया है। अभी तक अडानी ने इन सवालों में से किसी का जवाब नहीं दिया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च को कॉरपोरेट क्षेत्र में होने वाले गलत कामों के खुलासे और कंपनियों के खिलाफ दांव लगाने के लिए जाना जाता है। गुरुवार को जारी अपने एक ट्वीट में उसने कहा कि रिपोर्ट ने अडानी समूह से 88 सीधे-सीधे सवाल पूछे थे जो उन्हें पाक-साफ होने का एक मौका मुहैया कराता है।
फर्म ने कहा कि समूह ने उसकी किसी भी टिप्पणी का जवाब नहीं दिया है। उसने इस बात को चिन्हित किया कि समूह ने दावों का जवाब देने की जगह गालियों और धमकियों का सहारा लिया।
रिसर्च समूह ने कहा कि अडानी ने उसके 32 हजार शब्दों वाली 106 पेज की रिपोर्ट को जिसमें 720 नजीरों का हवाला दिया गया है और जिसे दो सालों के शोध के बाद प्रकाशित किया गया है, को शोध विहीन करार दिया है। जबकि उन्होंने एक भी उदाहरण नहीं दिया है जिसमें रिपोर्ट को गलत साबित किया जा सके।
आपको बता दें कि गुरुवार की सुबह अडानी समूह ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि हिंडनबर्ग की विवादित रिपोर्ट के बाद उसके शेयर धारक और निवेशक बुरी तरीके से प्रभावित हुए हैं। अडानी समूह ने कहा है कि वह वैकल्पिक और दंडात्मक कार्रवाई पर विचार कर रहा है।
स्टॉक एक्सचेंज को जारी एक बयान में अडानी समूह के लीगल हेड जतिन जालुंधवाला ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण और गलत मंशा से प्रेरित और शोध रहित करार दिया है।
+ There are no comments
Add yours