“पचास किसानों को लाल किले के अंदर किसने जाने दिया। और क्यों जाने दिया। क्या गृहमंत्रालय का काम ये नहीं है कि वो इन्हें लाल किले जाने से रोकती। उसके लिए कौन जिम्मेदार है। सीधी सी बात है उनको क्यों अंदर जाने दिया गया। किसने जाने दिया। गृहमंत्री से जाकर पूछिए। और इसके पीछे किसका आईडिया था किस प्रकार एलाऊ किया गया वो भी पूछ लीजिए।” उपरोक्त बातें आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कही है।
उन्होंने कृषि क़ानून पर आगे कहा कि “देश के युवाओं को मैं कहना चाहता हूँ कि जो तीन क़ानून हैं इनको समझने की ज़रूरत है। पहला क़ानून हिंदुस्तान के मंडी सिस्टम को कृषि बाज़ार को खत्म कर देगा। नष्ट कर देगा। दूसरे क़ानून से हिंदुस्तान के सबसे चार-पांच बिजनेस मैन जितना भी अनाज स्टोर करना चाहते हैं जितना भी अनाज जमा करना चाहते हैं, लाखों टन वो कर सकते हैं। अगर उनको ये इज़ाजत दी गई तो किसान दाम नेगोसिएट नहीं कर पाएगा। और तीसरा क़ानून सबसे अजीब क़ानून, इस क़ानून से किसान अपनी कठिनाई को कोर्ट नहीं ले जा पाएगा।
इन तीन क़ानून की वजह से किसान दिल्ली के बाहर खड़ा है। सरकार इनसे बात करने के बजाय समस्या का समाधान निकालने के बजाय उनको धमका रही है पीट रही है, एनआईए का इस्तेमाल कर रही है उनको डिसक्रेडिट करने की कोशिश कर रही है। सरकार को इन तीन क़ानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए। और आज जो हो रहा है सिंघु बार्डर पर सरकार इन पर आक्रमण कर रही है मार रही है ये गलत है”।
उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस में कांग्रेस के किसानों के साथ खड़े होने की घोषणा करते हुए कहा, “कोरोना के समय गरीब गरीब होता गया और 5-6 लोग और अमीर हो गये। और जो हमारा था वो भी ये छीन ले रहे हैं। प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे प्रधानमंत्री इन पांच लोगों के लिए काम करते हैं। उनके लिए नोटबंदी की। उनके लिए जीएसटी बनाई। उनके लिए किसानों से मतलब उनका भविष्य छीन रहे हैं। लेकिन वो चाहते हैं कि कोई कुछ बोले नहीं । मगर उनको ऐसा नहीं लगना चाहिए कि किसान पीछे हट जाएं। मैं किसानों से कहना चाहता हूँ कि हम सब आपके साथ हैं आप एक भी इंच पीछे मत हटिए। ये आपका भविष्य है आप इसके लिए लड़िये। ये जो पांच छः लोग हैं जो आपके भविष्य को चोरी करना चाहते हैं उन्हें चोरी मत करने दीजिए।”
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के व्यापक होने की संभावना जताते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि ये आंदोलन यहां रुकेगा। मैं बता दे रहा हूँ ये आंदोलन किसानों से शहरों के अंदर जाएगा। क्योंकि हिंदुस्तान में अब लाखों युवा हैं जिनसे इन्हीं पांच छः लोगों और प्रधानमंत्री ने रोजगार छीना है। ये पूरा का पूरा आंदोलन शहरों में फैलेगा। इससे देश को नुकसान होगा। मैं प्रधानमंत्री से कह रहा हूँ कि किसानों से बात कीजिए इसका हल निकालिए। इन क़ानूनों को वापस लीजिए नहीं तो देश का नुकसान होगा। इनस्टेबिलिटी से देश को फायदा नहीं होगा। बातचीत कीजिए हल निकालिये। ये देश की आवाज़ है। प्रधानमंत्री को इसे सुननी ही पड़ेगी। नहीं सुनेंगे तो ये और फैलेगी। प्रधानमंत्री इसे सप्रेस नहीं कर सकते। लाखों लोग 70 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर ऐसे तो नहीं खड़े हैं। कुछ तो कारण होगा। कुछ तो दर्द होगा।
राहुल गांधी ने कृषि क़ानूनों के जरिये कार्पोरेट नामक चोरों को किसानों के घरों में घुसाने का आरोप नरेंद्र मोदी पर लगाते हुए कहा-“ आप अपने 5-6 मित्रों के लिए इस देश की पूरी कृषि व्यवस्था तोड़ रहे हो। और उम्मीद करते हो कि लोग कुछ न बोलें। अगर आपके घर में रात को चोर घुसेंगे तो आप उन्हें रोकोगे नहीं क्या। हर किसान के घर में चोर घुस रहा है। नरेंद्र मोदी जी उन्हें किसानों के घरों में घुसा रहे हैं। और नरेंद्र मोदी को लगता है कि किसान कुछ नहीं बोलेंगे चुपचपा घर लौट जाएंगे। सवाल ही नहीं उठता। और चोरी सिर्फ़ किसानों से ही नहीं हो रही है।
चोरी शहरों में वर्कर से हो रही है। चोरी किसानों से हो रही है। चोरी छोटे बिजनेस वालों से हो रही है। स्माल मीडियम बिजनेस से चोरी हो रही है उनका भविष्य तोड़ा जा रहा है। ये जो ये सोच रहे हैं कि ये सिर्फ़ किसान की बात है तो गलत है। ये किसानों से मजदूरों तक जाएगा। शहरों में जाएगा, स्लम में जाएगा फैलेगा। ये जो चोरी हो रही है इसे रोका जाना चाहिए। 60 प्रतिशत आबादी के साथ चोरी हम नहीं होने देंगे। हम जनता के साथ खड़े हैं, किसानों के साथ खड़े हैं चोरी रोकने के लिए।”