Saturday, April 20, 2024

अब सेक्स ऑपरेटरों के सहारे होगा बीजेपी के सीएए का बेड़ा पार

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में जनमत जुटाने के लिए बीजेपी हर तरह के हथकंडे अपना रही है। इस कड़ी में वह दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनावों तक को मात देती दिख रही है। जिसमें वोट हासिल करने के लिए प्रत्याशी छात्रों को सिनेमा का टिकट देने से लेकर होटलों में खाना खाने समेत तमाम तरह के प्रलोभन देते देखे जा सकते हैं। कुछ इसी तरह की रिपोर्ट पार्टी के इस जनमत जुटाऊ अभियान में भी सामने आ रही है।

दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह ने एक फोन नंबर जारी किया है जिसमें उन्होंने देश के लोगों से सीएए के समर्थन में मिस्ड कॉल देने की गुजारिश की है। और इस कड़ी में पार्टी का आईटी सेल भी सक्रिय हो गया है। कुछ ट्विटर हैंडल से अपने फालोवरों को इस सिलसिले में तरह-तरह के प्रलोभन देते देखा जा सकता है। इसमें नेटफ्लिक्स का मुफ्त सब्सक्रिप्शन से लेकर नौकरी देने वाली साइट का मुफ्त एक्सेस तक की बात शामिल है। यही नहीं मिस्ड काल देने पर फोन सेक्स आपरेटरों से मुफ्त बातचीत तक का प्रस्ताव दिया जा रहा है।

हालांकि कुछ एकाउंट से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्होंने इसे शरारत में किया है इसका कोई गंभीर मतलब नहीं है। लेकिन जब उनके एकाउंट खंगाले गए तो पता चला कि सभी के बीजेपी आईटी सेल के साथ रिश्ते हैं। कम से कम एक ऐसा एकाउंट जो इस तरह की हरकत में शामिल है उसको देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी भी ट्विटर पर फालो करते हैं। जब यह बात दूसरे ट्विटर यूजर्स को पता चली तो उन्होंने इसे बीजेपी की हताशा करार दिया।

ज्यादातर ट्विटर यूजर्स पार्टी की इस रणनीति का अब मजाक बनाने लगे हैं। उन्हीं में से एक ट्विवटर यूजर ने कहा कि पीएमओ को इस बात की याद दिलाना जरूरी है कि उसने लोगों के एकाउंट में 15-15 लाख रुपये जमा करने के वादे किए थे।

बाद में इस मामले में नेटफ्लिक्स को जवाब देना पड़ा और उसने कहा कि यह सब कुछ फेक है।

इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कानून के समर्थन में जनमत जुटाने के लिहाज से सदगुरु बाबा के एक वीडियो को देखने और सुनने की अपील की थी। इसे पीएम मोदी के बाबा की शरण में जाने के कदम के तौर पर देखा गया था और उसकी जमकर आलोचना हुई थी। साथ ही यह माना गया था कि मोदी अब हताश हो गए हैं। और जनमत को अपने पक्ष में करने के लिए वो तमाम तरह के ऊल-जुलूल कदम उठा रहे हैं। अभी सामने आया ताजा प्रकरण बताता है कि सत्तारूढ़ पार्टी की हताशा एक नये मुकाम पर पहुंच गयी है।

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