सारण प्रमंडल की रिपोर्ट: एनडीए के अंकगणित पर महागठबंधन की सोशल इंजीनियरिंग भारी

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पटना। बिहार विधान सभा चुनाव के दूसरे चरण का कल मतदान होगा। यह मतदान सारण प्रमंडल के लिए कई मायने में बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले चुनाव से इस बार एनडीए के बदले स्वरूप के कारण इसे एनडीए का ऐसा किला करार दिया जा रहा है जिसे ध्वस्त करने के लिए महागठबंधन का सोशल इंजीनियरिंग प्रभावी हो सकता है। 

राज्य की चुनावी तस्वीर में सारण प्रमंडल इस बात को लेकर भी चर्चा में है कि गोपालगंज महागठबंधन के मुख्यमंत्री चेहरे तेजस्वी यादव का गृह जिला है, तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी भी इसी प्रमंडल से जदयू के सिंबल पर भाग्य आजमा रहे हैं। 

बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से दूसरे चरण में सर्वाधिक 94 सीटों पर कल मतदान होगा। संख्या के लिहाज से दूसरे चरण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले गठबंधन के लिए सत्ता का सफर आसान हो जाएगा। सारण प्रमंडल में विधान सभा की कुल 24 सीटें हैं। जिनमें से मौजूदा एनडीए के हिस्से में सर्वाधिक 14 व महागठबंधन के पास 10 सीटें हैं। जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव के अनुसार आकलन करें तो एनडीए के पास मात्र सात सीटें थीं। जबकि महागठबंधन के पास यह आंकड़ा 17 का था। 5 वर्ष बाद गठबंधन की तस्वीर बदलने से महागठबंधन व एनडीए के मौजूदा विधायकों की संख्या के जोड़ में काफी बदलाव आ गया है।

सारण प्रमंडल के तीनों जिलों की ग्राउंड रिपोर्ट का आकलन करें तो तेजस्वी यादव के गृह जिला गोपालगंज में छह सीटें हैं। भाजपा के वर्तमान विधायक सुभाष सिंह का  पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के पोते आसिफ गफूर से सीधा मुकाबला है। कुचायकोट सीट पर दो बाहुबली जेडीयू से अमरेंद्र पांडे व कांग्रेस पार्टी के काली प्रसाद पांडे आमने-सामने हैं। आरएलएसपी की सुनीता कुशवाहा ने लड़ाई को रोचक बना दिया है। भोरे सीट पर मौजूदा विधायक इंद्रदेव माझी बार चुनाव मैदान से बाहर हैं। इनके स्थान पर जदयू ने सेवानिवृत्त डीजी सुनील कुमार को उम्मीदवार बनाया है। महागठबंधन की तरफ से सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जिले की हथुआ सीट पर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री रामसेवक एक बार फिर जदयू से उम्मीदवार हैं। जिन्हें आरजेडी के राजेश सिंह कुशवाहा सीधी टक्कर दे रहे हैं।

गोपालगंज जिले की बरौली सीट से भाजपा के राम प्रवेश राय व आरजेडी के रियाजुल हक के बीच आमने-सामने का मुकाबला है। यहां से आरजेडी के मौजूदा विधायक नेम तुल्लाह चुनाव मैदान से बाहर हैं। बैकुंठपुर सीट पर भाजपा ने अपने विधायक मिथिलेश कुमार तिवारी को फिर एक बार उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर आरजेडी के प्रेम शंकर यादव व जदयू से नाता तोड़ मनजीत कुमार सिंह निर्दलीय मैदान में उतर कर लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं।

सिवान जिले की आठ सीटों में से सिवान सदर सीट से पूर्व सांसद ओम प्रकाश यादव बीजेपी से, आरजेडी से बिहारी चौधरी उम्मीदवार हैं। ये दोनों रिश्ते में समधी हैं। रघुनाथपुर सीट पर मौजूदा विधायक आरजेडी के हरिशंकर यादव और लोजपा के मनोज कुमार सिंह का सीधा मुकाबला है। दरौंदा विधान सीट पर भाकपा माले के उम्मीदवार अमरनाथ यादव व भाजपा के व्यास सिंह आमने-सामने हैं। बड़हरिया सीट पर पहली बार जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह को आरजेडी से बच्चा पांडे कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जीरादेई से भाकपा माले के अमरजीत कुशवाहा का जदयू की कमला सिंह से मुकाबला है। जदयू के वर्तमान विधायक रमेश सिंह कुशवाहा का टिकट कटने पर वह नेतृत्व से नाराजगी जताते हुए महागठबंधन के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी मुहिम में लगे हैं। दरौली के विधायक सत्यदेव राम को भाकपा माले ने एक बार फिर यहां उम्मीदवार बनाया है जिनका भाजपा के रामायण माझी से मुकाबला है। महाराजगंज सीट पर जदयू के विधायक हेम नारायण साह व लोजपा के देवरंजन सिंह की टक्कर के बीच कांग्रेसी उम्मीदवार विजय शंकर दुबे संघर्ष को त्रिकोणीय बना रहे हैं। उधर गोरियाकोठी सीट पर आरजेडी के नितिन वर्मा व बीजेपी के देवेंद्र देवेश कांत सिंह का सीधा मुकाबला है।

सारण जिले की 10 सीटों में से अधिकांश पर यहां रोचक मुकाबला है। छपरा सीट पर भाजपा के विधायक डॉ सी एन गुप्ता व आरजेडी के रणधीर सिंह के बीच मुकाबला है एकमा सीट पर इस बार विधायक धूमल सिंह की पत्नी सीता देवी जदयू से उम्मीदवार हैं, जिनका मुकाबला आरजेडी के श्रीकांत यादव से हो रहा है। माझी सीट पर महागठबंधन के प्रमुख घटक माकपा के डॉक्टर सत्येंद्र यादव व जदयू की माधवी सिंह के बीच सीधी लड़ाई है। बनियापुर सीट पर आरजेडी के विधायक केदारनाथ सिंह का वीआईपी के वीरेंद्र कुमार ओझा तथा  मढ़ौरा सीट पर आरजेडी के विधायक जितेंद्र राय का जदयू के अल्ताफ हुसैन के साथ आमने-सामने की टक्कर है।

तराया सीट पर आरजेडी के सिपाही लाल महतो व बीजेपी के जनक सिंह के सामने आरजेडी के मौजूदा विधायक मुद्रिका प्रसाद यादव टिकट ना मिलने पर निर्दलीय टक्कर दे रहे हैं। अमनौर सीट पर बीजेपी के किस कुमार सिंह व आरजेडी के सुनील राय के बीच आमने-सामने की टक्कर है इस सीट पर मौजूदा विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं।

जिले के परसा सीट पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के बेटे चंद्रिका राय के चुनाव मैदान में उतरने के चलते राज्य में सीट चर्चा में है। चंद्रिका राय पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी भी हैं।

इनके सामने आरजेडी के छोटे लाल राय चुनाव लड़ रहे हैं। गरखा सीट पर भाजपा विधायक ज्ञान चंद्र मांझी व आरजेडी के सुरेंद्र राम तथा सोनपुर सीट पर आरजेडी विधायक रामानुज प्रसाद व भाजपा के विनय कुमार सिंह का मुकाबला है।

सारण प्रमंडल की कुल 24 सीटों में से वर्ष 2015 के आंकड़ों के मुताबिक सिवान में एनडीए के 5 व महागठबंधन के तीन विधायक हैं । इसी तरह गोपालगंज जिले में एनडीए के 5 व महागठबंधन का मात्र 1 विधायक है। उधर सारण में एनडीए के जहां 4 विधायक हैं वही महागठबंधन के आधा दर्जन विधायक चुनाव जीते थे। जानकारों के मुताबिक प्रमंडल की सभी 24 सीटों पर रोचक मुकाबला है ।

महागठबंधन व एनडीए दोनों के लिए यहां से मिलने वाली बढ़त बहुमत की गणितीय संख्या में महत्वपूर्ण साबित होगी। खास बात यह है कि महागठबंधन में शामिल आरजेडी व कांग्रेस के अलावा वामदलों की उपस्थिति के चलते एक बड़े सामाजिक आधार में इनका हस्तक्षेप बढ़ा है । जिसे जीत की गणित में बदलने के लिए नेतृत्व का शुरू से सकारात्मक प्रयास रहा है । जिसके नतीजे भी अनुकूल मिलने की उम्मीद है।

(पटना से स्वतंत्र पत्रकार जितेंद्र उपाध्याय की रिपोर्ट।)

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