दलित मजदूर हत्याकांड: प्रयागराज के इसौटा गांव में पीड़ित परिवार से मिली भाकपा-माले की टीम

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लखनऊ। भाकपा-माले की तीन सदस्यीय टीम ने प्रयागराज में करछना तहसील के इसौटा गांव का बुधवार को दौरा किया। टीम ने पीड़ित दलित मजदूर परिवार से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की। छह सदस्यों वाले परिवार के एकमात्र कमाऊ सदस्य व तीन छोटे बच्चों के पिता देवी शंकर (35 साल) की अंबेडकर जयंती से दो दिन पूर्व (12 अप्रैल को) गांव के सामंती तत्वों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। 13 अप्रैल की सुबह गांव के बाग में उसका अधजला शव मिला था।

पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने घटना पर माले टीम की रिपोर्ट आज यहां जारी की। उन्होंने कहा कि दलित हत्या की हो रही घटनाएं प्रदेश में बढ़ते सवर्ण सामंती वर्चस्व का परिणाम हैं। सरकार लगातार हमलावरों के पक्ष में खड़ी हुई दिखाई दे रही है, जिससे दबंग अपराधियों का हौसला बढ़ता जा रहा है। योगीराज में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। हत्या और बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही हैं। पीड़ितों को न्याय मिलने के बजाय सत्ता के दबाव में उन्हें ही दोषी ठहराने की साजिश हो रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। करछना की घटना भी सवर्ण सामंती वर्चस्व का उदाहरण है। उन्होंने घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया।

भाकपा (माले) की राज्य समिति के सदस्य व एक्टू राज्य सचिव अनिल वर्मा के नेतृत्व में दौरा करने वाली टीम को मृतक की मां, चाची, बेटी काजल व बेटा सूरज ने बताया कि मृतक देवीशंकर को घर से गेहूं का बोझ ढोने की बात कहकर गांव के दिलीप सिंह उर्फ छुट्टन ले गए थे। देवी शंकर शनिवार (12 अप्रैल) शाम को घर से गए थे। रात भर जब वह घर नहीं लौटे, तो सुबह घर वालों ने तलाश शुरू की। इस बीच गांव वालों से पता चला कि एक युवक का अधजला शव बगीचे में पड़ा है। परिजन वहां पहुंचे, तो रोने-चिल्लाने लगे। उसी दौरान मां ने मृतक के दोस्त रहे अजय सिंह से पूछा कि मेरे बेटे को क्या हो गया, तो उसने कहा जला दिया गया।

परिजनों ने बताया कि हत्या के आरोपियों ने धमकी भरे स्वर में कहा कि दो घंटे के लिए पुलिस फोर्स हट जाए, तो पूरी दलित बस्ती को ही आग लगाकर जला देंगे। गांव के लोगों ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व भी एक दलित नौजवान को मारकर कुएं में फेंक दिया गया था। उस घटना में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उसका परिवार आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

मृतक देवी शंकर मजदूरी करके घर चलाते थे। घर में बेटी काजल 11वीं क्लास और दो बेटे सूरज आठवीं क्लास व आकाश तीसरी क्लास पास किये हैं। बच्चों के सामने समस्या है कि आगे की पढ़ाई कैसे करेंगे! पत्नी की मौत कोरोना काल (2020) में हो चुकी है। देवी शंकर मां-बाप के इकलौते बेटे थे। मृतक के पिता की आंख का आपरेशन हुआ है, जिनका रोने की वजह से बुरा हाल है। घर में एक बूढ़ी मां है जो टूट चुकी हैं।

भाकपा (माले) टीम से बातचीत के दौरान परिवार वालों ने गांव के ही सात लोगों पर जिंदा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाया। आरोपियों में संजय सिंह उर्फ सोनू, मोहित सिंह, मनोज सिंह, अवधेश सिंह उर्फ डीएम, दिलीप सिंह उर्फ छुट्टन, विमलेश गुप्ता उर्फ बाबा डान, शेखर सिंह और अजय सिंह शामिल हैं। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

माले टीम ने सभी अपराधियों को कड़ी-से-कड़ी सजा देने के साथ पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, सुरक्षा और दलित हत्या की घटनाओं पर कड़ाई से रोक लगाने की मांग की।

तीन सदस्यीय टीम में भाकपा (माले) के प्रयागराज प्रभारी सुनील मौर्य और ऐक्टू के जिला अध्यक्ष सिद्धेश्वर मिश्रा शामिल थे।

(प्रेस विज्ञप्ति)

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