लखीमपुर खीरी में कल सरकार और आंदोलनकरी किसानों के बीच समझौता हो गया। सरकार ने किसानों की सारी मांगें मान ली। लेकिन लखीमपुर खीरी पीड़ितों से मिलने जाते समय कल अलसुबह सीतापुर के हरगांव में गिरफ्तार की गयी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी की रिहाई अभी तक नहीं हो पायी है। पिछले 34 घंटे से वो पुलिस हिरासत में हैं।
देश का क़ानून कहता है कि पुलिस कस्टडी की अवधि 24 घंटे की होती है। यानि पुलिस किसी भी व्यक्ति को 24 घंटे से ज्यादा समय तक अपनी कस्टडी में नहीं रख सकती है। जबकि प्रियंका गांधी पिछले 32 घंटे से पुलिस कस्टडी में हैं। संविधान कहता है कि 24 घंटे के अंदर पुलिस को किसी कोर्ट के समक्ष आरोपी को पेश करना होता है। बिना मजिस्ट्रेट के आदेश के किसी को 24 घंटे से ज़्यादा हिरासत में रखना गैरकानूनी है।
ड्रोन से हो रही निगरानी
वहीं 34 घंटे से अधिक हिरासत में रखी गई प्रियंका गांधी के कमरे के ऊपर यूपी पुलिस के दो ड्रोन कैमरे मंडराते हुये देखे गये हैं। गौरतलब है कि उन्हें कल गिरफ्तार करके पीएसी के एक गेस्ट हाउस में रखा गया है। तो क्या प्रियंका गांधी को जिस कमरे में हिरासत में रखा गया है, उसके बाहर ड्रोन कैमरे से निगरानी कर रही है योगी सरकार। हालांकि गेस्टहाउस के बाहर खड़े अधिकारी और पुलिस कह रहे हैं उन्हें कोई संज्ञान नहीं।
वहीं प्रियंका गांधी ने अपने ट्विटर हैंडल से घटना का एक वीडियो साझा करते हुये ट्वीट करके किसानों की हत्या के लिये जिम्मेदार भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे की गिरफ्तारी न होने पर सवाल खड़े करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करके कहा है – ” नरेंद्र मोदी जी आपकी सरकार ने बग़ैर किसी ऑर्डर और एफआईआर के मुझे पिछले 28 घंटे से हिरासत में रखा है। अन्नदाता को कुचल देने वाला ये व्यक्ति अब तक गिरफ़्तार नहीं हुआ। क्यों?”
गलत तरीके से किया गया था गिरफ्तार
कल प्रियंका गांधी को गिरफ़्तार किये जाने के बाद उनके दो वीडियो सोशल मीडिया पर वॉयरल हुये थे। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के तरीके और गिरफ्तार करके गेस्ट हाउस में रखने पर आपत्ति जताया था। उन्होंने इसे अपहरण बताया था।
इससे पहले पुलिस वालों ने प्रियंका गांधी को रोकने के दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की भी की। इसी को लेकर प्रियंका गांधी ने पुलिसकर्मियों पर गुस्साते हुये कहा था कि, “छूकर देखो मुझे, तुम्हारे प्रदेश में नहीं होगा, लेकिन कानून है इस देश में। हमें हिरासत में लेना है तो लो, लेकिन इस तरह जबरदस्ती के साथ नहीं। जाकर अपने अफसरों और मंत्रियों कह दो।”
आगे उन्होंने कहा कि, “मुझे वारंट दिखाओ, अगर आपके पास नहीं है तो कोई हक नहीं है हमें रोकने का। क्या समझ रखा है, लोगों को मार सकते हो, किसानों को कुचल सकते हो, तो समझ रखा है कि हमें भी रोक लोगे। बता दें कि इस नोकझोंक के बाद प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और लखीमपुर नहीं जाने दिया।
(जनचौक ब्यूरो की रिपोर्ट।)
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