बिलकिस के अपराधियों को जेल पहुंचाने के लिए संदीप पांडे का अब उपवास और चिट्ठी आंदोलन

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बिलकिस बानो के साथ 2002 गुजरात की साम्प्रदायिक हिंसा में सामूहिक बलात्कार हुआ, उसकी तीन वर्ष की बेटी, गर्भ में पल रहा बच्चा समेत परिवार के 14 सदस्य मारे गए। इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने 11 अपराधियों, जिनको सजा हुयी थी, को गुजरात सरकार की समय पूर्व सिफारिश पर 15 अगस्त को छोड़ दिया था, जबकि उसी दिन कुछ ही समय पहले नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि हमें औरतों की प्रति अपना नजरिया बदलना चाहिए। एक स्थानीय भारतीय जनता पार्टी की नेता ने इनमें से कुछ अपराधियों को संस्कारी ब्राह्मण बताया है। 

सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) की हिन्दू मुस्लिम एकता समिति ने 26 सितम्बर से 4 अक्टूबर रंधीकपुर गांव, जहाँ बिलकिस बानो रहती थीं, से अहमदाबाद तक की एक बिलकिस बानो से माफ़ी मांगने की लिए पदयात्रा निकलने की योजना बनाई थी। 25 सितम्बर की रात सवा दस बजे ही पदयात्रियों नरेंद्र परमार, एस गोपालकृष्ण, नितेश गंगारमानी, तनुश्री गंगोपाध्याय, नूरजहां दीवान, कौशर अली सैयद, हनीफ कलंदर व संदीप पांडेय को हिरासत में ले लिया गया। पहले गोधरा शहर के बी डिवीज़न थाने ले जाया गया और फिर गोधरा शहर से 15 किलोमीटर दूर कंकणपुर थाने में रात भर रखा गया।

अगले दिन 26 सितम्बर को दिन में तीन बजे, इस शर्त की साथ की यात्रा पंचमहल व खेड़ा ज़िलों की सीमा से शुरू की जाएगी, पदयात्रियों को छोड़ा गया। किन्तु जैसे ही पदयात्रियों ने दोनों ज़िलों की सीमा पर स्थित महीसागर नदी को पार किया, खेड़ा ज़िले की सेवालिया थाने की पुलिस ने पदयात्रियों को हिरासत में ले लिया। दस पदयात्री एस गोपालकृष्ण, नितेश गंगारमानी, तनुश्री गंगोपाध्याय, कौशर अली सैयद, राजेश्वर ब्रह्मभट्ट, प्रवीण पटेल, हरेश रावल, कृष्णेंदु चटर्जी, राजीव सिंह कुशवाहा व संदीप पांडेय रात भर फिर थाने पर रहे और अगले दिन 27 सितम्बर को सभी पदयात्रियों को अहमदाबाद पहुंचा दिया गय। इस तरह करीब 180 किलोमीटर और 9 दिन की पदयात्रा 2 किलोमीटर व शेष दूरी पुलिस के वाहनों में 2 दिन में पूरी हो गयी। 

संदीप पांडेय ने 26 सितम्बर को ही कंकणपुर थाने में पदयात्रा न निकलने देने की वजह से बिलकिस बानो के साथ जो हुआ उसके लिए एक प्रायश्चित उपवास शुरू किया। किन्तु जब पदयात्रा शुरू हुयी तो उपवास छोड़ दिया। जब पदयात्रा अगले दिन पुनः रोक ली गयी तो सेवालिया थाने में 27 सितम्बर को पुनः उपवास शुरू किया। आज उपवास का चौथा दिन है। 

अहमदाबाद में राखियाल थाने ने उपवास को सार्वजानिक स्थल पर करने की अनुमति नहीं दी और गांधीनगर की सत्याग्रह छावनी में भी पुलिस ने उपवास पर नहीं बैठने दिया। इसलिए उपवास एक मित्र के घर पर ही रह कर किया जा रहा है।

संदीप पांडेय के उपवास के समर्थन में अमरीका स्तिथ ‘मानवाधिकार के लिए हिन्दू ‘ नमक संगठन ने क्रमिक उपवास #NavratriFastForBilkisBano शुरू किया है। सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) की हिन्दू मुस्लिम एकता समिति की तरफ से आह्वान है कि 2 अक्टूबर को दुनिया भर में व्यापक पैमाने पर एक दिवसीय उपवास #BapuFastsForBilkis रखा जाये। जहाँ लोग सामूहिक रूप से इकठ्ठा होकर कर सकें वहां वैसा करें अन्यथा अपने घर से ही करें। 

साथ ही लोगों से अपील है की बिलिक्स बानो को अपना समर्थन व्यक्त करते हुए पत्र लिखें और राष्ट्रपति को पत्र लिख कर मांग करें कि बिलकिस बानो के बलात्कारियों और उसके परिवार के सदस्यों के हत्यारों को वापस जेल भेजा जाये। उपवास और राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजने की मुहिम में सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) के साथ भारतीय परिवार एकता ट्रस्ट, अमेरिका स्थित मानव अधिकार के लिए हिंदू संगठन , केरला स्थित युवा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, गुजरात स्थित दलित मुस्लिम एकता मंच संदीप पांडे की मुहिम के साथ हैं।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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