बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई करने वाले जज का कार्यकाल बढ़ा

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बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई के स्पेशल जज सुरेन्द्र कुमार यादव का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। स्पेशल जज ने सीबीआई से कल्याण सिंह पर रिपोर्ट मांगी है।सीबीआई के आवेदन पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सीबीआई से कल्याण सिंह की गवर्नरशिप पर रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि भाजपा नेता कल्याण सिंह अब राजस्थान के राज्यपाल नहीं हैं, तो इस पर रिपोर्ट दें।  विशेष न्यायाधीश ने यह आदेश सीबीआई के अर्जी पर दिया,जिसमें कल्याण सिंह पर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में मुकदमा चलाने का अनुरोध किया गया था।

बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 87 वर्षीय कल्याण सिंह को तलब करने की अपील की है।दरअसल, कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल थे, यह संवैधानिक पद है, जिसके चलते सीबीआई उनके खिलाफ अर्जी नहीं दाखिल कर पा रही थी।राज्यपाल के पद से हटने के बाद सोमवार को कल्याण सिंह ने एक बार फिर से बीजेपी ज्वाइन कर लिया, जिसके बाद सीबीआई ने उनके खिलाफ अर्जी दाखिल कर दी। इसी मामले में भाजपा  के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास जमानत पर हैं।

कोर्ट ने पहले कहा था कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह को मुकदमे का सामना करने के लिए आरोपी के तौर पर बुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपालों को संवैधानिक छूट मिली हुई थी।संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राष्ट्रपति और राज्यपालों को उनके कार्यकाल के दौरान आपराधिक तथा दीवानी मामलों से छूट प्रदान की गई है। इसके अनुसार, कोई भी अदालत किसी भी मामले में राष्ट्रपति या राज्यपाल को समन जारी नहीं कर सकती।

इस बीच कल्याण सिंह ने सोमवार को भाजपा की फिर से सदस्यता ग्रहण कर ली ।इसके साथ ही 87 वर्ष के कल्याण सिंह ने सक्रिय राजनीति में वापसी कर ली है।राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त होने के बाद लखनऊ लौटने पर कल्याण सिंह का उनके समर्थकों ने जोरदार स्वागत किया।इसके बाद वह सीधे भाजपा प्रदेश मुख्यालय गए। कल्याण सिंह ने कहा है कि सीबीआई पूछताछ के लिए जिस तारीख को बुलाएगी वह हाजिर हो जाएंगे।उन्होंने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि साजिश है, ऐसा नहीं है. नहीं बचा पाए इसलिए केस चल रहा है।किसी को जानकारी नहीं थी इंटेलिजेंस को भी नहीं पता था केंद्र को भी पता नहीं था एक विस्फ़ोट था हो गया।

बाबरी विध्वंस मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई जज एसके यादव का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है।इस मामले की सुनवाई अप्रैल 2020 तक पूरी होनी है।उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय  में हलफनामा दायर कर दिया है।दरअसल, पिछली सुनवाई में उच्चतम न्यायालय  ने स्पेशल सीबीआई जज एसके यादव को अप्रैल 2020 तक मामले सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने को कहा था।पिछले  जुलाई माह में स्पेशल जज एसके यादव का कार्यकाल उच्चतम न्यायालय ने बढ़ा दिया था। उच्चतम न्यायालय  ने कहा कि जज का कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है ताकि वह ट्रायल पूरा कर फैसला सुना सकें।साथ ही उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ट्रायल पूरा कर फैसला नौ महीने के भीतर सुनाया जाए।

कोर्ट ने छह महीने में मामले की सुनवाई पूरी करने को कहा था।जज  एसके यादव को 30 सितंबर को रिटायर होना था. जज का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर उच्चतम न्यायालय  ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था।यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में किसी जज का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।इसलिए कोर्ट अपने अनुच्छेद 142 के तहत अधिकार के तहत यह कर सकता है।इससे पहले हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा था कि सीबीआई  जज एसके यादव जब तक फैसला नहीं देते तब तक उन्हें रिटायर न किया जाए इसके लिए क्या किया जा सकता है? उच्चतम न्यायालय  ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा था कि जज एसके यादव के कार्यकाल को कैसे बढ़ाया जा सकता है? साथ ही कानूनी प्रावधान क्या है?

जज एसके यादव ने उच्चतम न्यायालय  को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए 6 महीने का और समय मांगा था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह बेहद जरूरी है कि जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाएं।इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने जज एसके यादव से पूछा था कि वे किस तरीके से ट्रायल को तय वक्त में पूरा करेंगे।कोर्ट ने सील कवर लिफाफे में जानकारी देने को कहा था।19 अप्रैल 2017 को दो साल में ट्रायल पूरा करने के आदेश दिए गए थे।कोर्ट ने जज की अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया था।

(जेपी सिंह वरिष्ठ पत्रकार होने के साथ कानूनी मामलों के जानकार भी हैं।)

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