चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ झूठी एफआईआर को रद्द करने और हिरासत में लिए गए पत्रकारों की रिहाई की मांग को लेकर देश भर में एफआईआर जलाने के संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंजाब भर में विरोध प्रदर्शन किया। संगठन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि 16 जिलों के 11 जिला केंद्रों और 18 उपमंडल केंद्रों में भारी विरोध प्रदर्शन कर एफआईआर की प्रतियां जलाई गईं। इन विरोध प्रदर्शनों में महिलाओं और युवाओं सहित बड़ी संख्या में खेतिहर मजदूर शामिल थे।
विभिन्न स्थानों पर बोलते हुए किसान नेताओं ने निष्पक्ष पत्रकारिता की मिसाल पेश कर रहे न्यूजक्लिक चैनल को सरासर झूठे मामले में फंसाने की साजिश पर केंद्र सरकार पर तानाशाही थोपने का आरोप लगाया। नेताओं ने कहा कि न्यूजक्लिक पर विदेशी फंडिंग के जरिए दिल्ली किसान आंदोलन के लिए किसानों को भड़काकर देश की एकता और संप्रभुता को नष्ट करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया गया है। यानी उन्होंने किसान आंदोलन को देशद्रोही करार देने की भी कोशिश की है।
नेताओं ने कहा कि वास्तव में यह साम्राज्यवाद समर्थक और किसान-मजदूर विरोधी नीतियों और सरकार के फैसलों के खिलाफ लिखने और जनता के संघर्ष में शांतिपूर्वक संघर्ष करने वाली जनता को बलपूर्वक कुचलने की तानाशाही प्रक्रिया है। 740 शहीदों के बाद भी पूरी दुनिया के न्यायप्रिय लोग एक साल से अधिक समय से काले कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण और संहिताबद्ध विजयी किसान आंदोलन के गवाह हैं।
उन्होंने कहा, कि ‘गौतम नवलखा और जेल में बंद प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस झूठे मामले में नामज़द हैं। इसलिए इस झूठे मुकदमे की वापसी के लिए ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ देश स्तर पर न्यायप्रिय लोकतांत्रिक संगठनों के आंदोलनकारी कदमों का पुरजोर समर्थन करता रहेगा।
सभा को संबोधित करने वाले किसान नेताओं में संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां और राज्य पदाधिकारी झंडा सिंह जेठुके, शिंगारा सिंह मान, हरदीप सिंह तल्लेवाल, रूप सिंह चन्नन, जनक सिंह भुटाल, जगतार सिंह कलझार और नेता हरिंदर कौर बिंदू, कमलजीत कौर बरनाला, जसवीर कौर उगराहां, मनदीप कौर बरन, सरोज रानी मनसा, गुरमेल कौर दुलमन, हरिंदर कौर मडुछांगा और सभी जिला/ब्लॉक स्तर के नेता शामिल थे।
सभी वक्ताओं ने एक स्वर से मांग की कि न्यूज़क्लिक के खिलाफ झूठी एफआईआर को तुरंत रद्द किया जाए और हिरासत में लिए गए दोनों पत्रकारों को तुरंत रिहा किया जाए।
(विज्ञप्ति पर आधारित।)
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