Thursday, April 25, 2024

अघोषित आपातकाल

देश की बड़ी आबादी को खाना मयस्सर नहीं और ‘नीरो’ मोर को दाना चुगा रहा है!

देश गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहा है। देश के हालात पर कुछ लिखना, कहना और विमर्श करना भी कठिन होता जा रहा है। एक अघोषित आपातकाल जैसी स्थिति है, जो राष्ट्रीय चिंतन और राष्ट्रीय हितों के संरक्षण एवं संवर्धन...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...