Thursday, April 25, 2024

कबीर

ब्राह्मणवादी ढांचे को विखंडित करते हैं रैदास

किसी समुदाय के व्यक्ति, विचार, भाषा व नायक पर हमला निंदनीय होते हुए भी इस मायने में अपनी सार्थकता छोड़ जाता है कि वो एक कारण प्रदान करता है सुप्त सामूहिक चेतना व प्रतिरोध को जगाने का, अपने वर्ग...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...