Thursday, April 25, 2024

मधुशाला

जयंतीः मधुशाला कविता से आगे समाज और इंसानियत के उच्च मुकाम का पैमाना बन गई

जीवित है तू आज मरा सा, पर मेरी यह अभिलाषाचिता निकट भी पहुंच सकूं अपने पैरों-पैरों चलकरयह पक्तियां दर्शाती हैं कि हरिवंश राय बच्चन किस जिजीविषा, जीवटता के कवि-गीतकार थे। छायावाद के बाद जब प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना...

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