राजनीतिक चेतना
बीच बहस
भारत में ‘गोदी मीडिया’ ही नहीं, ‘गोदी राजनीति’ भी अपने चरम पर
किसान संसार का अन्नदाता है, लेकिन आज की व्यवस्था में वह स्वयं प्राय: दाने-दाने को तरस जाता है। उसकी कमाई से कस्बों से लेकर नगरों में लोग फलते-फूलते हैं, पर उसके हिस्से में आपदाएं ही आती हैं। सूखे की...
Latest News
ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना
आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...
You must be logged in to post a comment.