Saturday, April 27, 2024

प्रेम सिंह

‘ऐ वतन मेरे वतन’ का संदेश

हम दिल्ली के कुछ साथी ‘समाजवादी मंच’ के तत्वावधान में अल्लाह बख्श की याद में एक सालाना कार्यक्रम करते थे। अनिल नौरिया के सुझाव पर पहला कार्यक्रम 1995 या 96 में क्वीन्स पार्क (नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने)...

किसान आंदोलन: गिरावट का द्योतक है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष का पत्र  

क्या हम एक सजग और संवेदनशील नागरिक समाज न रह कर पार्टियों, नेताओं और सरकारों के भोंपू बन कर रह गए हैं? हम जिस भी पेशे में हैं, क्या हमें अपनी जिम्मेदारी और गरिमा का बिल्कुल लिहाज नहीं रहा है? यह समझ में...

विपक्ष की विफलता विकल्प की विफलता नहीं है

करीब 15 दिन पहले मैंने एक वरिष्ठ पत्रकार मित्र से कहा कि लोकसभा चुनाव को दो महीने भी शेष नहीं बचे हैं, राहुल गांधी तफरीह करते घूम रहे हैं। मित्र ने शायद कुछ नाराजगी से उत्तर दिया, वे तफरीह नहीं कर रहे हैं। हम दोनों के बीच...

कर्पूरी ठाकुर को भारत-रत्न: अनुप्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल    

कर्पूरी ठाकुर (24 जनवरी 1924–17 फरवरी 1988) के जन्मशती वर्ष के अवसर पर जनवरी 2023 से लेकर अभी तक अलग-अलग जगहों पर काफी कार्यक्रम होते रहे। लेकिन मुख्यधारा मीडिया में उन कार्यक्रमों का कवरेज नहीं के बराबर था। केवल...

‘मर्यादा पुरुषोत्तम’ के मुकाबले ‘लीला-पुरुष’ की प्राण-प्रतिष्ठा

विश्वास नहीं था भाई लोग ऐसा रंग जमा देंगे। रकम पानी की तरह बहा देंगे। पग-पग पर मोदी की छाप लगा देंगे। रामलला की उंगली उन्हें थमा देंगे। कल्पना ही की जा सकती है जब लल्ला (जायो जशोदा ने लल्ला मोहल्ला में हल्ला...

इंडिया गठबंधन जनता का वोट तो चाहता है लेकिन उसे सोचने का वक्त नहीं देना चाहता

यह लेख मेरे पिछले तीन लेखों– ‘तीसरे मोर्चे की प्रासंगिकता’ (मई 2014 ), ‘लोकसभा चुनाव 2019: विपक्षी एकता के लिए एक नजरिया– एक’ (जून 2018), ‘लोकसभा चुनाव 2019: विपक्षी एकता के लिए एक नजरिया– दो’ (अप्रैल 2019)- की अगली...

फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष: समाधान का गांधीवादी रास्ता

करीब एक शताब्दी पुराने फिलिस्तीन–इजराइल संघर्ष को लेकर पक्ष-पोषण और विश्लेषण का काम पिछले 75 सालों में बहुत हो चुका है। अब उसके स्थायी समाधान की जरूरत है। यह तभी संभव होगा जब आधुनिक विश्व-इतिहास की इस शायद जटिलतम समस्या से...

फिलिस्तीन में बच्चों की हत्या आधुनिक सभ्यता का सबसे गहरा संकट

फिलिस्तीन-इजराइल संघर्ष का फिलहाल जारी मंजर ब्रेख्त के महाकाव्यात्मक रंगमंच (एपिक थिएटर) की तरह लगता है, जहां दुनिया-भर में फैली जगहों (लोकेशंस) पर मानव-क्रूरता और मानव-करुणा की कशमकश (टसल) मंचित हो रही है। इस महाकाव्यात्मक मंजर में साफ देखा और...

संयुक्त राष्ट्र-इजराइल विवाद: समझदारी और संवेदनशीलता से संभालें

24 अक्तूबर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की विदेश मंत्रियों की बैठक में दिए गए महासचिव (सेक्रेटरी जनरल) एंटोनीयो गुटेरेस के बयान को “शर्मनाक” बताते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में इजराइल के स्थायी प्रतिनिधि/राजदूत गिलाद मेनाशे एर्दान...

क्या एक देश के रूप में फिलिस्तीन मिथक बन जाएगा और इजराइल यथार्थ?

यह सही है कि गाजा पट्टी में पिछले करीब दो सप्ताह से जारी इजराइल द्वारा किए जा रहे फिलिस्तीनियों के नरसंहार के लिए हमास जिम्मेदार है। 1987 में अस्तित्व में आया हमास फिलिस्तीनियों के मौजूदा नरसंहार के लिए तो...

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