अंग्रेजी दैनिक ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ (8 सितंबर 2023) में पूर्व वित्तमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है। यह खास इंटरव्यू अखबार के किस पत्रकार ने लिया है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बताया...
‘‘यह एक छोटा-सा मंत्र मैं आपको देता हूं। आप इसे हृदय पटल पर अंकित कर लीजिए और हर श्वास के साथ उसका जाप कीजिए। वह मंत्र है- ‘करो या मरो’। या तो हम भारत को आजाद करेंगे या आजादी...
हरियाणा के नूंह कस्बे में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान और जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस के सवारी डिब्बे में होने वाली हत्याओं के संदर्भ में लिखा गया ‘दि इंडियन एक्सप्रेस’ (2 अगस्त 2023) का प्रथम संपादकीय गौर-तलब है। संपादकीय का शीर्षक ‘लाइन खींचो’ (ड्रा दि लाइन)...
‘इंडियन एक्सप्रेस’ (23 मई 2023) में मुखपृष्ठ पर प्रथम स्टोरी के रूप में प्रकाशित अपने आलेख ‘बहुत-सी लड़कियों की तरह सालों-साल मुझे भी चुप-चाप इस शख्स (बृजभूषण शरण सिंह) के हाथों (यौन-उत्पीड़न) सहना पड़ा’ में विनेश फोगाट ने एक...
‘इंडियन एक्सप्रेस’ (30 मार्च 2023) में एम राजीव लोचन का लेख ‘एन अटैक ओन सिविलिटी’ (शिष्टता पर हमला) छपा है। यह लेख उन्होंने अखबार के 25 मार्च 2023 के प्रथम संपादकीय (लीड एडिटोरियल) ‘डिस्क्वालीफाइड’ के जवाब में लिखा है।...
समाजवादी नेता मधु लिमये (1 मई 1922–8 जनवरी 1995) के जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में पिछले दो सालों से विविध कार्यक्रम हो रहे हैं। जनवरी से दो और प्रमुख समाजवादी नेताओं मधु दंडवते (21 जनवरी 1924–12 नवंबर 2005) और...
यह टिप्पणी पंजाब और हरियाणा राज्यों के बीच 1966 से शुरू हुए चंडीगढ़-विवाद के इतिहास और राजनीति के बारे में नहीं है। केंद्र सरकार के केंद्र-शासित प्रदेश चंडीगढ़ की प्रशासनिक व्यवस्था में फेर-बदल संबंधी बयान, और उस बयान पर...
फरवरी-मार्च में संपन्न हुए पांच विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अति निराशाजनक प्रदर्शन के बाद पार्टी में आतंरिक कलह तेज़ हुआ है। दूसरी तरफ राजनीतिक पंडित, अन्य पार्टियों के नेता, राजनीतिक रूप से जागरूक नागरिक भविष्य की राजनीति के...
करीब एक महीने तक चले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का समापन होने जा रहा है। केवल उत्तर प्रदेश में 7 मार्च को अंतिम चरण का चुनाव बाकी है। चुनावों के दौरान चली बहस का ज्यादातर हिस्सा पार्टियों/नेताओं के...
24 फरवरी 2022 को रूस के यूक्रेन पर हमले के साथ विभिन्न देशों की सरकारों, संयुक्त राष्ट्र समेत सभी वैश्विक संस्थाओं, दूतावासों, मीडिया, विषय-विशेषज्ञों आदि की सक्रियता रूस-यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित हो गई है। दूसरे महायुद्ध के बाद यूरोपीय...