Thursday, April 25, 2024

रोहिंग्या मुसलमान

म्यांमार में सेना की ‘कब्जेदारी’ से हमेशा संकट में रहा है लोकतंत्र

म्यांमार! यह मुल्क 1948 में आजाद तो हो गया, परंतु इस आजादी को कायम रखने की जद्दोजहद हमेशा बनी रही। आजादी के दशकों गुजर जाने के बाद भी इस मुल्क में लोकतंत्र कभी स्थायी नहीं रहा। कभी लोकशाही तो...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...