Thursday, April 25, 2024

रोहिंग्या

सोचिये लेकिन, आप सोचते ही कहां हो!

अगर दुनिया सेसमाप्त हो जाता धर्मसब तरह का धर्ममेरा भी, आपका भीतो कैसी होती दुनिया न होती तलवार की धारतेज़ और लंबीन बनती बंदूकेनहीं बेवक्त मरते यमनमें बच्चेरोहंगिया आज अपनेसमुद्र में पकड़ रहे होतेमछलियांईरान आज भी अपनेसमोसे के लिये यादकिया...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...